सब इस पर निर्भर करता है कि आप जो कर रहे हैं, उसके प्रति आपका दृष्टिकोण क्या है.
दृष्टिकोण के बदलते ही, आपका कार्य एक उत्सव में बदल जाता है, जीवन की पूरी दिशा बदल जाती है.
दृष्टिकोण के बदलते ही, आपका कार्य एक उत्सव में बदल जाता है, जीवन की पूरी दिशा बदल जाती है.