दूध कितना भी शुद्ध हो, नींबू की एक बूंद ही उसे खराब करने के लिए काफी है. ऐसे ही निराशा का विचार नींबू का काम करता है, निराशा से आप अपनी शक्ति खो बैठते हैं. आपका विचार रूपी लावण्य, माधुर्य को छीन सकता है. विचार जीने के ढंग को बदल सकते हैं. संसार सब जगह है, स्थान बदलने से बात नहीं बनेगी, अंदर बदलाव आना चाहिए. अपने- आपको नहीं बदला तो घर, स्थान आदि बदलने से कुछ होने वाला नहीं. अपने को बदलने के लिए दिशा बदलनी होगी, दिशा को बदलने से दशा बदलेगी.