किसी को भी दुखी करके देखो, आप भी दुखी हो ही जाओगे.
इससे उलटा भी सही है, आप किसी को सुखी करके देखो, और आप पाओगे कि
सुख न मालूम कितने रूपों में आपके हृदय में भी गुंजरित हो उठा है.
इससे उलटा भी सही है, आप किसी को सुखी करके देखो, और आप पाओगे कि
सुख न मालूम कितने रूपों में आपके हृदय में भी गुंजरित हो उठा है.