आप जिंदगी को कैसे देखते हैं, इस पर सब निर्भर है.
जिंदगी में कुछ भी नहीं है.
आपके देखने पर, आपका एटीटयूड, आपकी पकड़, आपकी समझ, आपकी दृष्टि सब कुछ बनाती और बिगाड़ती है.
जिंदगी में कुछ भी नहीं है.
आपके देखने पर, आपका एटीटयूड, आपकी पकड़, आपकी समझ, आपकी दृष्टि सब कुछ बनाती और बिगाड़ती है.