सुख तो चाहना, लेकिन दूसरे के दुख पर आपका सुख निर्भर न हो,
दूसरे के दुख पर आधारित सुख आपको अंततः दुख में ही ले जायेगा.
चाहना आसान है, चाहते रहना कठिन है..!!
लोग आप को नहीं चाहते, आपसे उन्हें जो मिल रहा है उसे चाहते हैं..!!
दूसरे के दुख पर आधारित सुख आपको अंततः दुख में ही ले जायेगा.