पानी में परोपकार की भावना इतनी अधिक होती है कि वह बहाव में रुकावट बनने वाले पत्थरों के भी कोने घिस कर, उन्हें सुंदर बना देता है.
महान इंसान वही होता है जो परोपकार करता है, बाधा बन कर आने वालों को भी अपनी संगति के प्रभाव से अपने जैसा महान बना लेता है.