सच्ची प्रतिभा का व्यक्ति चालाक नही होता, जो प्रतिभाहीन है, जिनमे कोई प्रतिभा नही, वही चालाक होगा, चालबाज़ होगा.
चालबाजी इस बात का परिचायक है कि इसमें प्रतिभा का अभाव है. प्रतिभा जितनी ज़्यादा होगी, उतना ही वो सरल होगा, साफ सुथरा होगा.
प्रतिभाहीन, प्रतिभा की प्रतिपूर्ति चालबाजी से करने की कोशिश करता है.