*जिंदगी कभी कभी हमें एक ऐसे मोड़ पे लाकर खड़ा कर देती है, कि हम गुस्सा न होते हुए भी,
हमें मजबुरी में और खामोश रहकर किसी की खुशी के लिए, उस निर्णय को लिये बिना ही सब कुछ स्वीकार करना पड़ता है *
फिर चाहे वो निर्णय सही हो या गलत हो कोई फर्क नहीं पड़ता है *