सुख और दुख में, कोई ज्यादा भेद नहीं……!
जिसे मन स्वीकारें, वह सुख और जिसे…….! अस्वीकारें वह दुख…….!!
सारा खेल हमारी, स्वीकृति और अस्वीकृति……! का ही तो है……….!!!
जिसे मन स्वीकारें, वह सुख और जिसे…….! अस्वीकारें वह दुख…….!!
सारा खेल हमारी, स्वीकृति और अस्वीकृति……! का ही तो है……….!!!