सुख का लालच ही नए दुख को जन्म देता है.
सुख का लालच ही नए दुख को जन्म देता है.
लालसा और लालच में अंतर समझ लिया जाए ;
लालसा का अर्थ है- ‘कुछ चाहिए’ और लालच का आशय है- जो चाहिए था वह मिल गया, ‘और चाहिए’.
आम तौर पर लालसा पूरी करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है, तब पूरी होती है, _वहीं पर लालच का संबंध बिना मेहनत के कुछ हासिल करने से होता है यद्यपि इनके भी अपवाद होते हैं
मनुष्य में लालसा का होना स्वाभाविक है, यह प्रेरक तत्व है लेकिन लालच करना हर दृष्टि से घातक है. _इसके परिणाम दुखदायी होते हैं.