सुविचार 3432

शर्म की अमीरी से इज्जत की गरीबी अच्छी है.

जहाँ गरीबी है, वहीं असली अमीरी भी चल सकती है.

ग़ुरबत न दे सकी मेरे ज़मीर को शिकस्त,

_ झुक कर किसी अमीर से मिलता नहीं हूँ मैं..!!

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