दुःख कर्मों का फल नहीं, _ बल्कि इस बात का संकेत है कि आपका स्वयं के साथ तालमेल बिगड़ गया है ; _
_दुःख से बाहर आना है तो बुद्धि का विवेक से और मन का समझ से तालमेल ठीक करें.
अगर जीवन में दुःख बढ़ जाए तो जानना _ गलत दिशा में जा रहे हो.
अगर जीवन में दुःख बढ़ जाए तो जानना _ गलत दिशा में जा रहे हो.