हम विचारों के आने से परेशान नहीं होते बल्कि उन पर ज़रूरत से ज्यादा ध्यान देने से परेशान होते हैं,
जो हमारे अंदर संघर्ष की स्थिति बना देते हैं.
इससे उत्पन्न प्रतिक्रिया विचारों को अधिक ताकतवर बना देती है, जिससे हमारी परेशानी बढ़ जाती है.
जो हमारे अंदर संघर्ष की स्थिति बना देते हैं.
इससे उत्पन्न प्रतिक्रिया विचारों को अधिक ताकतवर बना देती है, जिससे हमारी परेशानी बढ़ जाती है.