कुछ लोग अचानक ही बदल जाते हैं, बस एक दिन के अंतर में पता नहीं क्या हो जाता है जैसे लगता है आपको जानते ही नहीं।
_ कल तक सब ठीक चल रहा होता है, अच्छी दोस्ती, अच्छी बातचीत, अच्छा व्यवहार, सबकुछ, ऐसा कुछ नहीं होता जिससे लगे कि आप सामने वाले को परेशान कर रहे हैं या आपसे उसे कोई दिक़्क़त है और फिर एक दिन में जैसे सबकुछ बदल जाता है अचानक
_ आप आम दिनों की तरह कॉल करते हैं रिसीव नहीं होता, मैसेज करते हैं जवाब नहीं आता। आप इसे सामान्य लेते हैं कि कोई बिजी भी हो सकता है, आप समझदार की तरह पेश आते हैं कि चलो मिस्डकॉल देख कर कॉल आएगा, मैसेज देख कर रिप्लाई आएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। आप बार बार कॉल और मैसेज भी नहीं करते क्योंकि आपको समझदार की तरह पेश भी आना है लेकिन आप उन सवालों से खुद को बचा भी नहीं पाते कि आखिर हुआ क्या
_ ये उलझन आपको कुछ दिन परेशान करती है, आप अपनी गलती ढूंढते हैं कि आपने ऐसा क्या किया फिर धीरे-धीरे सब सामान्य होता जाता है।
_ आप सामने वाले का स्टेटेटस, स्टोरी देखते हैं फिर एक बार और कॉल और मैसेज कर के देखते हैं कि आखिर बात क्या हुई जवाब फिर नहीं आता,
_ आप अपनी उलझनों में सिमट कर रह जाते हैं। कभी कभी कुछ सवालों के जवाब किसी के पास नहीं होते बस उन्हें ऐसे ही जाने देना चाहिए। कुछ दिनों के बाद आपको जवाब की चाहत भी नहीं रहती सबसे बेहतर वहीं होता है !
लोग सिर्फ वही देखते हैं, जो वो देखना चाहते हैं..!!