जिन विचारों को आप बार- बार दोहराते हैं, वे आपके अंतर्मन में प्रोग्राम्ड हो जाते हैं और वही प्रोग्रमिंग आपके जीवन को आकार देती है,
अतः अंतर्मन में प्रवेश करने वाले विचारों के प्रति सजग हो जाएँ.
अतः अंतर्मन में प्रवेश करने वाले विचारों के प्रति सजग हो जाएँ.