सुविचार 3565

जीवन हमारे कर्मों पर आधरित है और ये ही हमारी सफलता व असफलता का आँकलन (कर्म ) करता है, हमारे सुख दुःख भी इसी में निहित हैं !

आखिकार जीवन न तो पीड़ा है और न ही आनंद, _ यह वैसा बन जाता है जैसा आप उसे बनाते हैं !!

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