सत्य का रास्ता कठिन है. इस रास्ते पर हजार चलने की सोचते हैं मगर सौ ही चल पाते हैं. नौ सौ तो सोचकर ही रह जाते हैं और जो सौ चल देते हैं, उनमें केवल दस ही पहुंच पाते हैं. नब्बे तो रास्ते में ही भटक जाते हैं और जो दस पहुंचते हैं, उनमें भी सिर्फ एक ही सत्य को उपलब्ध हो पाता है, नौ फिर भी किनारे पर आकर डूब जाते हैं. तभी तो कहते हैं कि सत्य एक है और याद रखें- सत्य परेशान तो हो सकता है लेकिन पराजित नहीं.






