अगर किसी का ज्ञान और अनुभव हमसे कम है, तो वह ज्ञान और अनुभव अर्जित किया जा सकता है.
_ लेकिन अगर हम अपने असभ्य और रूखे व्यवहार से स्वयं को इंसान से बदतर बना लें,
तो क्या वह “इंसानियत” भी अर्जित की जा सकती है ?
“इंसानियत जिंदा है”
_ चाहे कोई लाख कोशिश कर ले, दुनिया में इंसानियत ही जिंदा रहेगी..!!