” समस्याऐं हैं तो, समाधान भी है, तलाशोगे तो जरूर मिलेगा “
” समस्याऐं हैं तो, समाधान भी है, तलाशोगे तो जरूर मिलेगा “
एक विजेता सिर्फ हारा हुआ इंसान है,
_ जिसने एक बार और कोशिश करने की ठानी है.
जीवन में दो चीजें जिन पर आपका पूरा नियंत्रण है, वे हैं आपका दृष्टिकोण और आपका प्रयास.
यहां समस्या यह है कि _ हर बार जब हम “मैं नहीं कर सकता” वाक्यांश का उपयोग करते हैं, तो हम अपने जीवन में जो बदलाव चाहते हैं _ उसे वास्तव में हासिल करना लगभग तुरंत असंभव हो जाता है.!!
“मैं नहीं कर सकता” निराशा की ओर ले जाता है ; _”मैं कैसे कर सकता हूँ ?” अवसर की ओर ले जाता है..!!
“मैं नहीं कर सकता” की सोच से “मैं कैसे कर सकता हूँ ?” की सोच में एक सरल बदलाव _बाधाओं को अवसरों में बदल देता है, एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है _जिसके माध्यम से हम जीवन की चुनौतियों को देखते हैं.
_इसलिए, यदि कोई बदलाव, सुधार, या कोई सपना है _जिसे आपने अब संभव नहीं होने के कारण छोड़ दिया है, चाहे वह कितना भी बड़ा या डराने वाला क्यों न हो, तो आज अपने आप से पूछें: “मैं इसे वास्तविकता कैसे बना सकता हूं ?”
विजेता समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं. हारने वाले का ध्यान समस्याओं पर होता है; विजेता अपनी गलतियाँ स्वीकार करते हैं और उनसे सीखते हैं.
हारने वाले दूसरों को दोष देते हैं और बहाने बनाते हैं.
हारने वाले और विजेता के बीच एकमात्र अंतर यह है कि वे अपने समय का कितना अच्छा उपयोग करते हैं.
Winners focus on solutions. Loser’s focus on problems ; Winners own their mistakes and learn from them. Losers blame others and make excuses.
The only difference between a loser and a winner is how well they use their time.