सुविचार 396 | Nov 7, 2014 | सुविचार | 0 comments हमेशा चीजों को अपनी जगह ही खड़े होकर न देखें, सोचें कि सामने- वाला कहाँ खड़ा है और उसे वहाँ से चीजें कैसी दिख रही हैं. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ