अपरिपक्व प्रेम जहाँ हमें बाँधे रखता है, _ वहीँ परिपक्व प्रेम मुक्त कर देता है.
अपरिपक्व प्रेम जहाँ हमें बाँधे रखता है, _ वहीँ परिपक्व प्रेम मुक्त कर देता है.
यदि प्रेम आप को बेहतर, सुन्दर और सरल नहीं कर रहा है तो..
_वो चाहे जो हो “प्रेम नहीं है”
प्रेम कभी ज़िन्दगी नहीं बर्बाद करता,
_प्रेम के नाम पर ढोंग से बने रिश्ते_ ज़िन्दगी बर्बाद करते हैं..!!
प्रेम एक एहसास से कहीं ज्यादा गहरा होता है.
_इसका अर्थ है कि हम उस व्यक्ति के साथ हमेशा सही और सम्मानपूर्वक व्यवहार करें.