सुविचार 4042

*हज़ार जवाबों से,* *अच्छी है ख़ामोशी साहेब..*

*ना जाने कितने सवालों की,* *आबरू तो रखती है…*

नए सफर में ख़ामोशी को चुना है मैंने ;

_ क्योंकि बिना गलती के भी बहुत कुछ सुना है मैंने..!!

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