सुविचार 4072

“अपने ही सवाल सुलझ़ाने हों तो, उत्तर भी अपने ही भीतर से आने दो,

बाहर के उत्तर कभी भी अपने भीतर संतृप्ति नहीं दे पाते”

बहुत से सवालों के जवाब नही होते हैं और बहुत से सवालों के जवाब अपने आप मिल जाते हैं.

_ बस थोड़ा इंतजार करना पड़ता है.

कभी-कभी आपके सवाल का जवाब आपके सामने ही होता है,

_लेकिन आप उसे जानते हुए भी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हो पाते..!!

सवाल करते हैँ हर बात पर वो, जवाब भी मनमुताबिक चाहते हैँ.
कुछ लोग जवाब मांगते हैं, – और कुछ.. अपनी उपस्थिति से ही सब कुछ कह जाते हैं.!!

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