खुद की जानी और अनुभूत सच्चाई ही, पुख्ता और खरी होती है,
_ दूसरे द्वारा प्रमाणित सच्चाई में, खोट का खतरा खड़ा रहता है “
हर इंसान के लिए कोई मायने नहीं रखता कि आप कितने अच्छे हो,
_ क्योंकि वह आपकी अच्छाई में भी खोट निकाल ही देगा.
लोगों द्वारा आपको नापसंद करना, आपकी कमी ही नहीं दर्शाता है..
_ बल्कि कभी-कभी आपकी अच्छाई भी वजह बन जाती है इस नापसंदगी की..!!
अच्छाई करने की हमनें एक ही बुराई पाई कि आप किसी का भला करें तो आप ज़िंदगी भर करते रहें..
_ क्योंकि हज़ार बार भी भला किया और एक बार न कर पाये तो..
_ लोग हज़ार बार का भूल एक बार न करने की गालियाँ देने ज़रूर आ जाएँगे ..!!
_इसलिए न काहू से दोस्ती न काहू से बैर..
_ अपना काम करते रहो..
_ उन्हें अपना काम करने दो.
_ क्योंकि जिसको जो करना है वो वही करेगा..