सुविचार 4083

नियति का पहला सिद्धांत है कि हम इसे केवल वर्तमान में ही बदल सकते हैं.
हंसने वालों की “हंसी उड़ते” हम देख चुके हैं, इसलिए किसी पर हंसना नहीं चाहिए.

_हम अपने कर्म का सिद्धांत क्यों बिगाड़ रहे हैं ?

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