अपनी “कमज़ोरियों” का “जिक्र” कभी न करना “ज़मानें” से,
_लोग “कटी” “पतंग” को जमकर “लूटा” करते हैं,..।।
नाम और पतंग जितने ही ऊँचे उठते जाते हैं,
_उतने ही दूसरों की आंखों में खटकते जाते हैं..!!
_लोग “कटी” “पतंग” को जमकर “लूटा” करते हैं,..।।
_उतने ही दूसरों की आंखों में खटकते जाते हैं..!!