सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर पड़ता है,
_ जैसे जिस मिट्टी में फूल खिलते है, वो भी महकने लगती है.
मन मिट्टी जैसा है, जो बोओगे वो पाओगे..!!
फूल यूँ ही नहीं खिलते, बीज को दफ़न होना पड़ता है..!!
जब समय आता है तब ही फूल खिलते हैं, और उसकी खुशबू फैलती है.
_ जैसे जिस मिट्टी में फूल खिलते है, वो भी महकने लगती है.