अधिकांश रचनाएं कहीं ना कहीं वास्तविकता से संबंधित होती हैं बस फर्क इतना है कि _ किसी के हालात उन्हें काल्पनिक बना देते हैं तो किसी के वास्तविक !!
कल्पनाओ में जीना अच्छा लगता है, ऐसा लगता है सब कुछ एक दिन ठीक हो जायेगा, अनायास ही विश्वास जग जाता है उस भावी के प्रति, किसी चमत्कार की आशा जागृत हो जाती है,
_ लगता है अभी समय है हमारे पास, कुछ न कुछ हो ही जाएगा, खैर !…
_ बहुत सुखद होती है ये काल्पनिकता पर वास्तविकता के सामने इसको घुटने टेकने ही पड़ेंगे…