बुरे दिनों से आप जब तक लड़ेंगे नही तब तक अच्छे दिन आते ही नही,
_ यह भी एक तजुर्बा है..
जो होगा उस पर विश्वास रखो._यदि चीजें आपके इच्छित तरीके से काम नहीं करतीं.
_यह सब जीवन का हिस्सा है.
जो हो रहा है उसे स्वीकार करना ही पड़ता है.
_चाहे अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए..
हम अपना पूरा जीवन अच्छे दिनों की आशा में बिता देते हैं.
_ तब हमें एहसास होता है कि जो दिन बीत गए, वे ही अच्छे दिन थे.
ये दिन भी जाएंगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन..!!
क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा, कुछ नहीं होगा तो तजुर्बा होगा..!!
खो जाने के डर से, हद से ज्यादा संभालकर रखी गई चीजें अक्सर खो ही जाती हैं..!!
एक अच्छी ज़िन्दगी....बहुत बुरे वक़्त से गुज़र कर आती है..!!