सुविचार 4162

कोई प्रशंसा करे या निंदा दोनों ही अच्छा है,

_ क्योंकि प्रशंसा प्रेरणा देती है और निंदा सावधान होने का अवसर..

कोई इंसान पूरा शत प्रतिशत अच्छा या पूरा शत प्रतिशत बुरा नहीं होता.

_ निन्दा और प्रशंसा साथ-साथ चलते हैं.

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