सुविचार 4186

विपरीत परिस्थितियों में स्वयं को खुश रखने के लिए,

सकारात्मक बातों का खजाना अवश्य याद रखें.

दूसरों को समझाने के बजाय..

_हम खुद ही परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लें तो बेहतर है..!!

“ये जीवन है” जब तक चलेगा, घटनाएं घटती रहेंगी.

_महत्वपूर्ण यह है कि हमारा इन घटनाओं के साथ कैसा व्यवहार रहा ?

_ यही मनुष्य की परीक्षा के अवसर होते हैं.

_इन अयाचित परिस्थितियों में अपना मानसिक संतुलन बनाए रखना होगा..
_ तब ही जीवन सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ता है.

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