सुविचार 4210

दोनों ही सफर थकान भरे, लंबे और बोझिल हो जाते हैं,

_ अगर यात्रा में सामान और जिंदगी से ख्वाहिशें अधिक हों तो..

ज़्यादा सोच लेना भी एक तरह की थकान है, जिसे कोई देख नहीं पाता.!!

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