प्रेरणा लेनी हो तो लहरों से लीजिए, इसलिए नहीं कि वे उठती हैं, और गिर जाती हैं ;
_ बल्कि इसलिए कि वे जब भी गिरती हैं, नए जोश से फिर उठ जाती हैं..
भवरों से लड़ो उफनती लहरों से उलझो, कहाँ तक चलोगे किनारे किनारे..
_ बल्कि इसलिए कि वे जब भी गिरती हैं, नए जोश से फिर उठ जाती हैं..