जो भावनाओं में उलझ कर रह जाता है, उसे कभी बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं होती ;
_ दुनिया की पंचायती से दूर होकर अपने लछ्य पर ध्यान दीजिए..
लोग भावनाओं को पढ़ने से बचते हैं.
_ प्रेम का अध्ययन करने बहुत कम लोग आते हैं..
_ कामयाबी पढ़ने ढेरों आते हैँ..
_ बदनामी को पढ़ने बिना बुलाए भी आते हैँ..
आप जो भी काम करते हैं उस वक़्त खुद से एक सवाल पूछें कि..
_ ये काम करने से मेरे जीवन में क्या बदलाव आएगा,
_ क्या यह काम मेरे लछ्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है.!!
सवाल ये नहीं कि रफ़्तार किसकी कितनी है,,
_ सवाल है कि सलीके से कौन चलता है..!!