शरीर सुंदर हो या ना हो पर शब्दों को सुंदर रखें,
क्योंकि लोग चेहरे भूल जाते हैं पर शब्दों को नहीं.
यह संसार की रीत है कि जो शोभन नहीं है, सुंदर नहीं है..
_ वह मानवमन को प्रीतिकर नहीं लगता.
बिना काम की बातें हर कोई समझ लेता है,
_ शब्दों की गहराई कुछ ही समझ पाते हैं..!!
ख़ुद तो कुछ करना नहीं.. औरों को भी रोकते हैं,,
_ सुन नहीं सकते जो एक भी शब्द ख़ुद के लिए,,
_ वो औरों को हर बात पर टोकते हैं..!
_ सुन नहीं सकते जो एक भी शब्द ख़ुद के लिए,,
_ वो औरों को हर बात पर टोकते हैं..!
बहुत से शब्दों में थोड़ा मत कहो, बल्कि थोड़े से शब्दों में बहुत कुछ कहो.!!