सुविचार 4270

जब सर पे जिम्मेदारी बड़ी हो तो हिसाब से रहना पड़ता है ;

_ बहुत कुछ सुनना पड़ता है और बहुत कुछ सहना पड़ता है.

“जैसे जैसे बड़े होते गये, ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दबते चले गए !!”

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected