आप एक ही नदी के पानी को दुबारा नहीं छू सकते, क्योंकि जो धारा बह चुकी वो कभी वापस नहीं आती ;
_ उसी तरह जीवन की एक स्थिति पर रुके मत रहिए, जो कल बीत गया वो कितना भी अच्छा या बुरा क्यों न था, उसे भूल कर आपको आगे बढ़ना ही होगा.
नदियों की तरह बहते रहो, चट्टानें अपने आप कट जाएंगी.!!