सुविचार 4398

आप एक ही नदी के पानी को दुबारा नहीं छू सकते, क्योंकि जो धारा बह चुकी वो कभी वापस नहीं आती ;

_ उसी तरह जीवन की एक स्थिति पर रुके मत रहिए, जो कल बीत गया वो कितना भी अच्छा या बुरा क्यों न था, उसे भूल कर आपको आगे बढ़ना ही होगा.

नदियों की तरह बहते रहो, चट्टानें अपने आप कट जाएंगी.!!

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