सुविचार 476 | Nov 24, 2014 | सुविचार | 0 comments जिस व्यक्ति के शुष्क ह्रदय में सद्भावनाओं के लिए, सदविचारों के लिए स्थान नहीं, उसके द्वारा जीवन में कोई श्रेष्ठ कार्य बन पड़े — यह लगभग असंभव- सा है. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ