हम रोज दिन में कई बार नफ़रत का बीज बोते हैं और जब पौधा बड़ा हो जाता है तो,
_ उसके फल खा कर चीखतें हैं.. कि धरती ने हमारे साथ धोखा किया है.
पौधा हो या विचार, पनपेगा वही जिसे आप पानी देंगे..!!
_ उसके फल खा कर चीखतें हैं.. कि धरती ने हमारे साथ धोखा किया है.