अपनी ख़ुशी के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहें. किसी की खुशी वस्तु में, किसी की मकान में, किसी की दूकान में तो किसी की रिश्ते में है. जैसे ही ये चीजें घटती हैं व्यक्ति की खुशी जाती रहती है. आत्मनिर्भर बनें, खुश रहने का स्वभाव बनाएं.
“आत्मनिर्भरता सभी धनों में सबसे बड़ा धन है.”