सुविचार 859

जीवन छोटा है, समय अति अल्प है. जीवन का कर्मछेत्र बड़ा है और कर्तव्य- कर्म बहुत करने बाकी हैं. अतः समय की पूंजी को सोच- समझ कर प्रयोग करना चाहिए.

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected