सुविचार – इच्छा, इच्छाएँ, अभिलाषा, अभिलाषाएं – 134 | Apr 5, 2014 | सुविचार | 0 comments हमारी इच्छाएँ-अभिलाषाएं अधिक हैं, और जीवन एक सीमित समय के लिए मिला है, जिसके तहत इच्छाएँ अधूरी रह जाती हैं, _ वैसे भी हम अपने जीवन का अधिकांश समय इच्छा-अभिलाषा करने में ही व्यतीत कर देते है.!! इच्छाएं हमें जितना उत्साहित करती हैं कई बार उतनी ही निराश भी, जिनकी इच्छाएं समय के साथ पूरी होती हैं.. वह एक नई इच्छा को जन्म देते हैं, और जिनकी इच्छा पूरी नहीं होती.. _ वे तारीख बदल देते हैं या फिर मन मारकर अपनी इच्छा को ही ख़त्म कर देते हैं…! इच्छाओं के पूरी न होने पर दुःख महसूस करने वाले लोग कुछ कुछ ऐसे हैं, जैसे मृत शरीर के क़रीब बैठकर रोने वाले लोग, _ मृत व्यक्ति के अचानक उठ जाने पर जिस तरह लोग गिरते पड़ते भागेंगे, इच्छाओं के पूरी होते ही लोग इच्छाओं से ऊबकर भागते हैं.!! Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ