सुविचार – बातें बेवजह की – 152

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लोग कैसे पूरा समय सिर्फ खाने और पकाने की बात कर सकते हैं ;

_किसी को अपडेट देने के लिए बातें ..सिर्फ खाने और पीने की, सब कुछ कुशल हो गया, खाना पीना बढ़िया हो गया _ ही दिए जाते हैं..!!
_कितनी बोरियत भरी है जिंदगी…कितना पाखंड है..
_ कहीं तो सुधार जाओ… कहीं तो कुछ छोड़ दो..
_ज्यादातर लोग ठग, धूर्त हैं, और पैरों की एकरसता, घर, भोजन, गगनचुंबी इमारतें, जॉब, प्यार…
_..शून्यता के एक खोखले गड्ढे पर खड़ी ..एक पूरी दुनिया !!
_अर्थहीन !!! बिल्कुल अर्थहीन !!
आपका जीवन बेहतर हो रहा है, इसका एक प्रमाण यह होगा कि आपको व्यर्थ बातों में रूचि नहीं बचेगी ; कम होती जाएगी, – कम होती जाएगी..

_कोई आपको आकर के फ़िज़ूल कि बातें बताना शुरू भी कर देगा तो _आपको उबासी आने लगेगी,
_और आप उनकी फिजूल बातों की आंतरिक [internally ]रूप से उपेक्षा [ignore] करते रहेंगे.

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