कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.. मै गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.. अब जाने कौन कहाँ आबाद हैं, मुलाक़ात नहीं है एक मुद्दत से, मै देर रात तक जागूँ तो , कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.. कुछ की बातें थीं फूलों जैसी, कुछ के लहजे थे खुशबू जैसे, मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.. वो पल भर के झगडे&नाराजगी, फिर मान भी जाना पल भर में, आज मैं खुद से भी रूठूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते है…….ll
यादों का किस्सा खोलूँ तो,