मस्त जीवन कैसे जीना चाहिए ? – 2018

कौन बताएगा आपसे ? कि जैसे आप जी रहे हो ‘ उसे जीना नहीं कहते ‘
अकारण प्रसन्नता का नाम मस्ती है…!

मस्तों का आधार सूत्र है कि, दूसरों से अपने सुख को मत जोड़ो..!!

मस्त होने का अर्थ होता हैः मन को खोना..

_ मस्त होने का अर्थ होता हैः नियंत्रण खोना..
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः अपने अहंकार से थोड़े नीचे उतर आना,
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः फिर से हो गए बालक जैसे निर्दोष;
_ फिर से भर गए जीवन के आश्चर्य से; फिर से वृक्षों की मस्ती और फूलों की सुगंध और हवाओं का नृत्य अर्थपूर्ण हो गया.
_ खो दी मन की, गणित की क्षमता..
_ वह जो तर्क का सतत जाल है, वह जो तर्क का सतत फैलाव है भीतर,
_ उसे तोड़कर क्षणभर को बाहर निकल आए;
_ जैसे कोई कारागृह से बाहर आ जाए..
_ बंद दीवारें और बंद दीवारों के भीतर की बंद हवा,
_ थोड़ी देर को जैसे कोई छोड़कर बाहर आ जाए…..!!
मैंने उन्हीं लोगों को खुश और मस्त देखा है,

_ जो फोन पर किसी से बात भी करेंगे तो तीस सेकंड से एक मिनट ;
_ तड़क भड़क वाली जिंदगी से बच कर.. वो सरल रहना पसंद करेंगे,
_ ना किसी से शिकायतें रखेंगे ना किसी को शिकायतों का मौका देंगे,
_ ना लोगों से जलते हैं और हमेशा फ्रेश मूड में रहते हैं ;
_ कोई उनके पास आए जाए.. वो भी उनसे फ्रेश हो कर जाता है,
__ और मुझे समझ में नहीं आता कि सबको ऐसा बनने में मुश्किल क्या है ?
जीवन का आनंद भरपूर उठाइये,

_ मस्ती में ‘ उसकी ‘ मगन हो जाइये..
_ और हो सके तो फिर.. ‘ उसके ‘ ही गुण गाइये..छोड़कर सब कुछ, फूल से हल्के होकर..
– ” सदा ही बस खिलखिलाइये,”मुस्कुराइये और फिजाँओं में, खुशबू की तरह बिखर जाइये..
जिंदगी में कुछ तो कमी है, जिसे पूरा कर लेना.. मेरा मकसद होना चाहिए.!!

_ बहुत प्यार है मुझे अपने स्पेस से, अपने सपनों से, अपनी आजादी से..!!

हम खुद को मस्त कैसे रख सकते हैं ?

यारों अगर हमें जीवन में कुछ बड़ा करना है तो सबसे पहले अपने कान बंद करने होंगे, _ क्योंकि हम क्या हैं और हम क्या कर सकते हैं वह सिर्फ हम जानते हैं.

_ दुनिया सिर्फ हमें बाहर बाहर से जानती हैं । हमारे अंदर क्या प्रतिभा है और हम कैसे दुनिया को बदल सकते हैं वो सिर्फ हम जानते हैं.

_ इसीलिए अगर हमने जीवन में खुश रहना है तो सबसे पहले खुद को समझें, खुद से प्यार करे, रोज सुबह उठकर योग और व्यायाम करें, अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर निकले, अपने अंदर की प्रतिभा को जानें, खुद की कभी भी दूसरों से तुलना ना करें, अपने फोन से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, खुद से बातें करें इत्यादि, _

_ जीवन में कुछ खुद को महत्व (importance) देना सीखो और अपनी खुशियों को खुद हासिल करो.

“_ जैसे दुनिया तुम्हें देखना चाहती है, वैसे बिलकुल भी मत बनना ;

जैसा तुम खुद को देखना चाहते हो, वैसा बनने के लिए जी जान लगा देना._”

जब आप किसी ऐसे मुकाम पर पहुंच जाते हैं, जहां आपको किसी को प्रभावित करने की जरूरत नहीं होती,__ तो आपकी आजादी शुरू हो जाएगी..

“- आप की समझ बढ़ जाने के बाद आप लोगों के डिफरेंस को स्वीकार करने लगेंगे, _उन डिफरेंस की इज्जत करेंगे, उन्हें जज नहीं करेंगे.-“

अगर हम अपना विश्वास अपने भीतर खो चुके हैं तो उसे वापस ला सकते हैं ; बस प्रण लेना होगा कि अब से मैंने अपने जीवन में अच्छा ही अच्छा करना है ; फिर दुनिया चाहे हम पर विश्वास करे या ना करे, हमें अच्छा कहे या न कहे ; हमने अपने पथ से हिलना नहीं है तो, एक समय ऐसा आता है _

_ जब हम अपने ही भीतर आत्मविश्वास से भरपूर हो जाते हैं और फिर कोई हमारा साथ दे या ना दे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता _ हम अपने में मस्त रहते हैं..!!

जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पाठों में से एक है स्वतंत्रता को सीखना, स्वतंत्रता को समझना ; _ इसका अर्थ है आसक्तियों से, परिणामों से, मतों से और अपेक्षाओं से स्वतंत्रता !!

आसक्तियों को तोड़ने से स्वतंत्रता मिलती है, लेकिन आसक्तियों को तोड़ने का मतलब एक प्यारे और सार्थक रिश्ते को त्यागना नहीं है,

एक ऐसा रिश्ता जो आपकी आत्मा का पोषण करता है ; _ इसका अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु पर निर्भरता समाप्त करना ;; ” प्रेम कभी भी किसी पर निर्भर नहीं होता “

आज़ादी सर्वोपरि होती है, _ आज़ाद व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकता है, खा-पी सकता है, कहीं घूम – फिर सकता है तथा विचारों को अभिव्यक्त कर सकता है.

गुलामी का जीवन कष्टमय होता है_ … अतः आज़ादी को सँभालकर रखना हम सभी का दायित्व है.

“–हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जिसमें कोई भी आजाद नहीं है, _जिसमें शायद ही कोई सुरक्षित है, _ ऐसा लगता है कि इसमें ईमानदार रहना और जीवित रहना लगभग असंभव है.–“

आप स्वतंत्र होने के लिए स्वतंत्र हैं; लेकिन यदि आप स्वतंत्र होने से इनकार करते हैं, तो कोई भी आपको स्वतंत्र नहीं कर सकता.

You are free to be free ; but if you refuse to be free, nobody can make you free.

आज़ादी से ज्यादा मूल्यवान इस जगत में कुछ भी नहीं, _

_ जिन्हें ये स्वाद लगा, वो फ़िर कैद में नहीं रहते …!!

-आज़ाद खयाल होना गलत नहीं, _ बस सबको अपनी हद मालूम होनी चाहिए..

किसी को बाँध सकूँ ये हक़ तो नहीं मेरा,

_ खुद को आज़ाद कर लूँ ये फैसला ले लिया..!!

जब आप वास्तव में परवाह नहीं करते हैं कि कोई आपके बारे में क्या सोचता है,

_ तो आप स्वतंत्रता के एक अद्भुत स्तर पर पहुंच गए हैं.

When you truly don’t care what anyone thinks of you, you have reached a awesome level of freedom.

” स्वतंत्रता और समर्पण ” दो विपरीत शब्दों की तरह लगता है, _ लेकिन जब तक मैं इतना जी चुका हूं और जितना अधिक जी रहा हूं, मुझे लगता है कि इन दो शब्दों का एक ही स्रोत और अर्थ है.
जो बदला जा सके उसे बदलो, जो बदला ना जा सके _ उसे स्वीकारो, और जो स्वीकारा ना जा सके _ उससे दूर हो जाओ –

– लेकिन स्वयं को खुश रखो !

अधिकांश लोग वास्तव में स्वतंत्रता नहीं चाहते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता में जिम्मेदारी शामिल होती है_

_ और अधिकांश लोग जिम्मेदारी से डरते हैं..

जिंदगी में मन की शांति बहुत जरुरी है _ इसलिए लाइफ में खुद को खुश रखने का तरीका ढूंढिए और जो चीजें आपके मन को अशांत करती हैं _ उससे जितनी जल्दी हो सके दूर हो जाएं_

– ” जिंदगी बहुत खूबसूरत है इसे खुश हो कर जीएं “

हर पल तृप्ति है तो माथे पर शांति, चेहरे पर प्रसन्नता, वाणी में माधुर्य होगा और आपका व्यक्तित्व चुंबकीय – आकर्षक बनेगा.
जीवन एक यात्रा है.

_ हर मुसाफिर का अपना गंतव्य है.
_ किसी को जहां तक आपके साथ चलना है, वह वहीं तक साथ चलेगा.
_ जो जाएगा, उसे जाने दीजिए.
_ जो सच्चे होंगे, वे साथ बने रहेंगे.. उनकी कद्र कीजिए.
_ जो नया आएगा, उसका स्वागत कीजिए.
_ यही जीवन का नियम है.
कभी भी किसी खास मौके के लिए कुछ भी सेव न करें. जीवित रहना विशेष अवसर है.!!

Don’t ever save anything for a special occasion. Being alive is the special occasion.

” बुद्धिमानी का कुल मतलब इतना है के, _ आप “मौज़” कमाना सीख गए,”
जीवन में कुछ लोग इतना कुछ झेल चुके हैं कि उन्हें कुछ अच्छा भी एक सेट अप जैसा लगता है.
मानसिक शांति भंग करने वाले हर नकारात्मक तत्व से दूर रहना है मुझे…

_ चाहे वह कितना भी अजीज हो, इस के लिए उसे भी त्याग दूँगा….••

“– जो स्वयं को जोखिम में डालने को तैयार नहीं है, _वह जीवन के रहस्योद्घाटन को कभी नहीं देख सकता..–“

जीवन का अर्थ है आंतरिक शांति प्राप्त करना और यह आंतरिक शांति धन – दौलत से प्राप्त नहीं होगी, इसे बाजार से ख़रीदा नहीं जा सकता, _यह तो तभी प्राप्त होगी, जब आपके जीवन में रचनात्मक गुण हों.

_ काश हम सब “चीजें और सामान” जमा करने में कम समय बिताना सीखें _और यादें बनाने में अधिक समय व्यतीत करें.!!

आपको बिना किसी हिचकिचाहट के _उन चीजों पर खर्च करना चाहिए _जो आपके लिए सबसे ज्यादा मायने रखती हैं _और उन चीजों पर जमकर कटौती करनी चाहिए _जो आपके लिए मायने नहीं रखती हैं.

_कुछ चीजें हैं _जो पैसे से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं !!

“- जो आपके पास नहीं है _उसकी इच्छा करके +जो आपके पास है _उसे बर्बाद मत करो.”

दुनिया के सबसे खुशहाल लोग वो नहीं होते, जिनके पास सबकुछ सबसे बढ़िया होता है, _ पर वे होते हैं, जिनके पास जो होता है बस उसका सबसे अच्छे से यूज़ करते हैं.

_एन्जॉय करते हैं और भरपूर जीवन जीते हैं ! सादगी से जियो ; सबसे प्रेम करो ; सबकी केअर करो. _जीवन का आनन्द लो, यही असली जीना है..

हमेशा उन चीजों के लिए समय निकालें _ जो आपको जिंदा रहने में खुशी का अनुभव कराती हैं.

— ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो आपको खुश कर सकती हैं, _ उन चीजों पर ज्यादा ध्यान न दें जो आपको दुखी करती हैं —

” जीवन एक लंबी यात्रा है इसे उन लोगों के साथ सही ढंग से बिताएं _ जो आपके लिए मुस्कुराते हैं और आपसे प्यार महसूस करते हैं.”

जिंदगी के लिए जो बेहद जरुरी है, वो तो थोड़े से प्रयास से ही मिल जाता है,_

_ लेकिन जो कतई जरुरी नहीं, उसके लिए यहां अथक प्रयास किया जाता है.

“– एक ईमानदार जीवन जीने के लिए बहुत सी चीजों की आवश्यकता नहीं होती है.”

जैसे एक पौधे को खिलने के लिए एक महंगे गमले की नहीं, एक अच्छी मिट्टी की आवश्यकता होती है, वैसे हीअच्छा जीवन जीने के लिए हमें महंगे साधनों की नहीं _ सरलता की, सहजता की और अच्छी समझ की जरुरत पड़ती है..!

जिन चीज़ों की आपको वास्तव में आवश्यकता है _वे कम हैं _और आसानी से मिल जाती हैं;

_लेकिन जिन चीज़ों की आप कल्पना कर सकते हैं कि आपको ज़रूरत है _वह अनंत हैं, _और आप कभी संतुष्ट नहीं होंगे.

“- जब आप संतुष्ट होते हैं और अत्यधिक इच्छाओं से मुक्त होते हैं, तो जोड़-तोड़ करने वाले व्यक्तियों को शोषण करना या हस्तक्षेप करना मुश्किल लगता है.”

जिंदगी मिली है तो जिंदगी के हर अनुभव को सीख कर आगे बढ़ना ही जीना ही कहलाता है..

_ हारो तो उसे जिंदगी का पाठ समझो _ जीतो तो जिंदगी का इनाम..

अपना काम अच्छे तरीके से करने के बाद संतुष्ट और मस्त हो कर आराम कीजिए,

_ दूसरे आपके बारे में क्या बात करते हैं, ये उन्हीं पर छोड़ दीजिए !!

ज़िंदगी में जरूरी नहीं सब कुछ हमारे ही हिसाब से हो, जब लाख प्रयास के बाद भी _

_ आप के हिसाब से सब कुछ न हो तो _ समझो जो हो रहा है _ वही होना था..

जीवन उसी का मस्त है, जो स्वयं के कार्य मे व्यस्त है ; _

_ परेशान वही है जो दूसरों की खुशियों से त्रस्त है !!

-हर व्यक्ति का अपना सफ़र है, अपनी मंज़िल है _ हम साथ चलकर भी अपने-अपने सफ़र के मालिक हैं-

मेरा सफ़र अकेला है ,,,! पर मंज़िल तक पहुँचने के लिए, कुछ महान हस्तियों के, मार्गदर्शन की बहुत जरुरत होती है !!

न तुम मुझे बांधो, _ न मैं तुम्हें बांधू _ क्योंकि आकाश में साथ साथ तो उड़ा जा सकता है _ लेकिन बंधे हुए नहीं..
जिंदगी अब तुझे और समझना नहीं, क्योंकि जितना समझना चाहता हुँ _ और उलझता जाता हुँ..
चल जिंदगी ! नई शुरुआत करते हैं, _ जो उम्मीद औरों से की थी, वो अब खुद से करते हैं….!
जीवन में आज़ादी असुरछा से घिरी होती है, इसलिए अधिकांश लोग पिंजरे में जीवन जीते हैं.
आजादी संसार की सबसे सुंदर चिज है, इसे पकड़ लो _ चाहे इसके लिए जो भी छूट जाए..!
जिंदगी को बेहतर तरीके से जीना है, तो दूसरों की नहीं खुद की सुनिए ..
मैं अपनी आजादी का हकदार हूँ, _ किसी की अनुमति का मोहताज नहीं..
असली सफलता वही है जिसमे हम खुद को किसी के साथ तुलना करना बंद कर देते हैं…!!!
केवल एक ही सफलता है – अपने जीवन को अपने तरीके से व्यतीत करने में सक्षम होना..
” खुद से प्यार करो ” और जितने के आप लायक हो _ उससे कम पर समझौता मत करो.
सामान्य ज्ञान एक ऐसा फूल है _ जो हर किसी के बगीचे में नहीं उगता..
आपके जीवन की ख़ुशी _ आपके विचारों की _ गुणवत्ता पर निर्भर करती है.

The happiness of your life depends on the quality of your thoughts.

ज्ञान पाकर, अज्ञान दूर करें_ यदि कोई सोचे कि ‘ ज्ञान नहीं मिला तो क्या फर्क पड़ता है ?

” इसका जवाब __” ज्ञान से मिलनेवाली _ आज़ादी का आनंद ” महसूस करने के बाद ही मालूम पड़ता है.

दूरदर्शिता का गुण दुर्लभ होता है, बहुत कम लोगों में यह पाया जाता है, _ जिन थोड़े- से लोगों में यह होता है,

_ वे मनन के ज़रिए भावी संभावनाओं को पहले से ही जान लेते हैं.

अगर आपकी लाइफ में चैलेंजेज हैँ, बाधाएं हैँ तो उन्हें कोसते मत रहिये, कहीं ना कहीं ये आपको fresh and lively बनाये रखती हैँ,

इन्हेँ accept करिये, इन्हे overcome करिये और अपना तेज बनाये रखिये.

मेरे चेहरे पर मुस्कान का मतलब यह नहीं है कि मेरी जिंदगी परफेक्ट है, _

_ इसका मतलब है कि मेरी चुनौतियों के बावजूद, मैं अपनी खुशी और जीवन के सर्वोत्तम क्षणों पर ध्यान केंद्रित करना चुनता हूं.

“जीवनयापन का उपाय तलाशना और सार्थक जीवन जीना अलग-अलग बात है”
अपने पिछले अनुभवों को कभी भी अपने भविष्य को नुकसान न पहुंचाने दें _

_ आपका अतीत बदला नहीं जा सकता और आपका भविष्य सजा के लायक नहीं है..

बस सबसे अच्छा बनने की कोशिश करो, जो आप हो सकते हैं ;

कभी भी सबसे अच्छा बनने की कोशिश करना बंद न करें, _ यह आप की शक्ति है..

उन लोगों, स्थानों और परिस्थितियों से दूर जाने के लिए तैयार रहें_

_ जो आपको आपकी पूरी क्षमता तक पहुँचने से रोकते हैं..

अगर आप किसी चीज को पाना चाहते हैं, तो पहले देख लें कि _

_ उसे पहले से हासिल करने वाले इंसान खुश हैं या नहीं ..

जीवन में कई बार हम बड़ी परेशानियों से यूं निकल जाते हैं,_

_ मानो कोई है जो हमारा साथ दे रहा है.

जीवन की नाव को पार लगाने में..

_ सांस उखड़ जाती है अच्छे अच्छों की.!!

कल्पना कीजिए कि आप क्या चाहते हैं, अपने अंदर की खुशी को महसूस करें,_

_ और आकर्षण का नियम आपके लिए इसे प्राप्त करने का सही तरीका खोज लेगा..

आप अपनी भावनाओं को तुरंत बदल सकते हैं .. कुछ आनंददायक सोचकर, या कोई गीत गाकर,

_ या एक सुखद अनुभव को याद करके..

जिस व्यक्ति में ज्ञान और कुछ सीखने की भूख होती है, वह हमेशा तरोताजा अवस्था में रहता है,_

_ उसके पास विचारों का व्यापक दृष्टिकोण है और इसके साथ ही वह अंततः महान उपलब्धियां हासिल करता है..

जीवन की त्रासदी यह नहीं है कि यह इतनी जल्दी समाप्त हो जाता है,_

_ बल्कि यह है कि हम इसे शुरू करने के लिए इतना लंबा इंतजार करते हैं..

बुद्धिमान को खुश करने के लिए कुछ चीजों की जरूरत होती है,_

_ लेकिन मूर्ख को कुछ भी संतुष्ट नहीं करता है; और यही कारण है कि इतनी सारी मानव जाति दुखी है.

होशियार व्यक्ति दुनिया को अपनी मर्जी से चलाने की कोशिश करता है _

_ बुद्धिमान व्यक्ति खुद को दुनिया के अनुरूप बना लेता है.

कोई नामुमकिन सी बात को, मुमकिन कर के दिखा _

_ खुद पहचान लेगा ज़माना, भीड़ से तू अलग चल कर दिखा !!

लोग हमेशा कहते थे कि यह असंभव है, _ लेकिन सच्चाई यह है कि यह दुनिया उन लोगों द्वारा बनाई गई है, _

_ जिन्होंने ऐसे काम किए जिन्हें लोग असंभव समझते थे..

जब आप की समझ बढ़ जाती है तो ; आप जीवन में परिवर्तन देखते हैं ; यहां तक ​​​​कि सबसे छोटा परिवर्तन भी देख पाते हैं _

अमूमन जहाँ किसी का ध्यान नहीं जाता है, और आप कभी भी संबंध नहीं खोते हैं..

सफलता की गिनती इस बात से नहीं होती है कि व्यक्ति कहाँ पहुँच गया है_

_ बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि उसने वहाँ पहुँचने के लिए कितनी बाधाओं को पार किया है..

अगर हमारा मन कठिनाइयों को झेलने के लिए तैयार हो जाता है, _

_ तो कठिनाइयां हमें दुखी नहीं बना सकतीं..

अपने बारे में लोगों को समझाना बंद करें और लोगों को सब कुछ कहने दें,

_ आप जो करते हैं, उसके बारे में किसी को कोई स्पष्टीकरण नहीं देना है_ आपका जीवन आपका है, _ उनका नहीं..

कभी भी किसी को अपने जीवन में अपने लिए जगह बनाने के लिए मजबूर न करें,

_ क्योंकि अगर वे आपकी कीमत जानते हैं, तो वे निश्चित रूप से आपके लिए एक जगह बनाएंगे.

अगर आपकी सफलता आपकी शर्तों पर नहीं है, अगर यह दुनिया को अच्छी लगती है _

_ लेकिन आपके दिल को अच्छी नहीं लगती है, तो यह सफलता बिल्कुल नहीं है.

आश्वस्त और दृढ़ रहें; अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा के बावजूद _ कभी हार न मानने वाला रवैया विकसित करें –

_ ” कोई समस्या नहीं है, केवल चुनौतियाँ और समाधान हैं”

कभी – कभी आपको कठिनाइयों का सामना इसलिए नहीं करना पड़ता कि आप कुछ गलत कर रहे हैं,

बल्कि इसलिए कि आप कुछ सही कर रहे हैं..

आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए, _

_ मानवता एक सागर है; सागर की कुछ बूंदे गंदी हो जाए तो सागर गंदा नहीं होता..

हर दिन बस चुटकी भर सीख भी मिल जाये काफी है..
मैं गिरा, रोया, उठा, फिर हँसा..

तुमने देखा, बस हँसे, और गिर गए…

टूटना, बिखरना सदैव पीड़ा बनकर नहीं रहता… ‌ किसी पतझड़ का पीछा करते हुए तुम…

स्वयं को एक दिन _ फूलों के बगीचे में पाओगे….

दुनिया को विज्ञान कितना भी विकसित और सुखद बना दे,

लेकिन मानसिक शांति आज भी प्रकृति की गोद में ही मिलती है.

संसार के दुःखो को दूर करने के लिए, स्वयं को पहले सुखों से संपन्न बनाना पड़ेगा,

जो रब की याद से संभव है…

अपने जीवन का आनंद लें, अपने सपने देखें, _

_ अपनी मेहनत से खुद को साबित करें और अपना जीवन बदलें..

” जिंदगी शुरू करने का सबसे पहला सूत्र याद रहे, कि,

क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, ” सुखद की सुखद और दुखद की दुखद “

हम हैं उलझे हुए उनमें क्यूँ बेवजह, जो जरुरी नहीं जिंदगी के लिए !

_ एक सुकूँ से भरी जिंदगी है बहुत, चाहिए कुछ नहीं और ख़ुशी के लिए !!

कड़वा है, मीठा है, फीका है, शिकवा क्या कीजिए,

जीवन समझौता है, घूँट – घूँट पीजिए …!!

दौलत -ए- दर्द को दुनिया से छुपा कर रखना,

आंख में बूंद ना हो _ दिल में समन्दर रखना..

मन खुश है तो _ एक बूंद भी बरसात है…

दुखी मन के आगे _ समंदर की भी क्या औकात है..

मैं मानता था कि प्रार्थना चीजों को बदल देती है, लेकिन अब मुझे पता है कि _

_  प्रार्थना हमें बदल देती है _ और हम चीजों को बदल देते हैं..

जो आसानी से मिल जाए वो हमेशा तक नहीं रहता,

_ जो हमेशा तक रहता है वो आसानी से नहीं मिलता..

  •  
  • “- किसी को आसानी से मत मिल जाना, _ लोग सस्ता समझने लगते हैं -”
हो सकता है कि आप कई चीजों में परिपूर्ण न हों, लेकिन आपके बिना कई चीजें परिपूर्ण नहीं हो सकतीं,_अपने छोटे-छोटे तरीकों में खास रहें.
दुनिया में सबसे खुश,,वो लोग रहते हैं, जो ये जान चुके हैं कि _ दूसरों से किसी भी तरह की उम्मीद करना व्यर्थ है..
चीजों को आसान बनाएं, जीवन आसान है _ हम इंसान इसे जितना जटिल बना रहे हैं उतना ही जटिल बना रहे हैं.
किसी दूसरे के बुरे व्यवहार में इतनी ताक़त नहीं होनी चाहिए — कि वो आपके मन की शांती को खत्म कर दे,,,
” बाधाएं वे चीजें हैं जो एक व्यक्ति तब देखता है _ जब वह अपने लक्ष्य से अपनी आंखें हटा लेता है “
जिसके पास बुद्धि है वह कभी दुखी नहीं हो सकता _ और न ही कोई दूसरा उसे ऐसा बना सकता है..
जब से मैंने स्वयं को प्रसन्न रखने का निर्णय लिया है, _ तब से मेरे लिए कोई समस्या नहीं रही .!
जब आपका अपने विचारों पर नियंत्रण होता है, _ तो आपका अपने जीवन पर नियंत्रण होता है.
खुशी हमेशा उस दरवाजे में छिप जाती है _ जिसके बारे में आपने नहीं सोचा था कि _ वह खुला है..
वक्त के साथ चलना कोई जरुरी नहीं, _ सच के साथ चलिए, एक दिन वक्त आपके साथ चलेगा.
एक बुद्धिमान व्यक्ति न केवल सलाह लेना जानता है, _ बल्कि उसे अस्वीकार करना भी जानता है..
आप अपने जीवन से कुछ भी नहीं सीखते हैं _ यदि आपको लगता है कि आप हर समय सही हैं.
असलियत से जुड़ जाना ही मन को शान्ति देने का ढंग है, _ कृत्रिमता मन को अशान्ति देती है.
दुनिया की महत्वपूर्ण चीजें उन्हें मिली हैं _ जिन्होंने आशा न होते हुए भी _ प्रयास जारी रखा..
बहुत दूर का देखने की कोशिश व्यर्थ है, एक एक कदम चलते चलो, _ रास्ता मिलता जाएगा.
हम जिस रस्ते से गुजरते हैं _ उस रस्ते से हमेशा के लिये गुजर जाना ही _ बेहतर समझते हैं.
दूसरों के साथ अपने जीवन की तुलना न करें, _आपको पता नहीं है कि उनकी यात्रा क्या है.
अगर आपका रास्ता सबसे अलग है, तो _ इसका मतलब यह नहीं कि आप खो गए हैं…
जो हो रहा है उसे होने दो, _ उसने तुम्हारी सोच से भी बेहतर तुम्हारे लिए सोच रखा है..
यदि आप अपना दिमाग ठीक कर लें,_ तो आपका शेष जीवन सही हो जाएगा.!
हम भीतर से जो हासिल करते हैं,  _ वह बाहरी वास्तविकता को बदल देगा..
सब्र करो.. _ जिसके काबिल हो, ज़िंदगी वो हर चीज़ देगी तुम्हें !
स्वस्थ जीवन जीने के लिए कम से कम आवश्यक ज्ञान प्राप्त करना चाहिए..
सिर्फ जन्म लेने से आपको जीवन नहीं मिलता, _ इसे सही तरीके से जीना होगा.
“हम बहुत आभारी हैं कि हमें मनुष्य के रूप में जीवन जीने की अनुमति दी गई”…
अच्छी तरह से जीना, पूरी तरह से जीना, जीवन का उद्देश्य है, कोई दूसरा उद्देश्य क्यों पूछें ?
ख्वाहिशों की आदत भी कितनी बेतुकी है…! _ मुकम्मल होते ही फिर से बदल जाती है..!!
अपने आप को याद दिलाएं कि आपको वह नहीं करना है _ जो बाकी सभी कर रहे हैं.
जब आप ज्ञान से प्रबुद्ध होते हैं, तो आप भौतिकवादी दुनिया में कभी नहीं खोते हैं..
त्याग दो अपने बीते हुए कल को, क्योंकि उसका प्रभाव आने वाले कल को दूषित कर जाएगा.
” आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और का जीवन जीने में बर्बाद न करें “
जिस चीज़ के लिए आप तैयार हो जाते हो, _ वह चीज़ आपके जीवन में आती है.
इंसान ज़िन्दगी बनाने के चक्कर में, _ ज़िन्दगी जीना भूल जाता है .!!
जो हो जाय, उससे प्रसन्न रहो, _ जो होना होगा, वो, होके ही रहेगा..
हर कोई इस बात से अनजान है कि _ वो खुद कितना क़ीमती है !!!
” जिंदगी हल्की महसूस होगी ” _ अगर दूसरों से कम उम्मीद और खुद पर ज्यादा भरोसा हो तो ..!!
आप क्या महसूस करते हो, ये सिर्फ आप महसूस कर सकते हो, _ और दूसरा कोई नहीं..
सबसे समझदार व्यक्ति वह होता है जिसके आँख कान तो खुले हों _ परंतु मुंह बंद हो..
सबसे ज्यादा गरीब वह है, _ जिसकी खुशियाँ दूसरों की अनुमति पर निर्भर करती है..
बात जब फूलों से करना आ गया .._.. ज़िंदगी में रँग भरना आ गया.
किसी ने भी आपकी खुशी का ठेका नहीं ले रखा है _ सिवाय आपको छोड़कर ,,
साधारण चीजें ही सबसे ज्यादा असाधारण होती हैं, और केवल बुद्धिमान लोग ही उसे देख पाते हैं.
तुम रास्ता बनाओं, मंज़िल तुम्हें मिल जायेंगी _ हिम्मत और लगन हो, तो कोशिश रंग लायेंगी..
जब हम खुश रहतें हैं, _ तब हमारी कार्यशैली सर्वोत्तम अवस्था में होती है.
अपनी कामयाबी को कभी छोटा मत समझो, ये सबको प्राप्त नहीं होती.
कोशिश में कोई कमी ना रखना, _ नतीजे तो आए दिन बदलते रहते हैं.
प्रसन्न वो हैं, जो अपना मूल्यांकन करते हैं _ परेशान वो हैं जो, दूसरों का मूल्यांकन करते हैं..
बुद्धिजीवी व्यक्ति का दिमाग हर वक़्त खुद के दिमाग की तरफ ध्यान देता है.
जब आप शांत हैं या नहीं, इस बात पर परेशान नहीं होते हैं तो यही शांति है.
यकिन रखिए ऊपर वाले का फैसला हमारे फैसलो से बहुत अच्छे होते हैं.
हर स्थिति में अच्छाई देखने के लिए अपने दिमाग को प्रशिक्षित करें
आप चिंतन तो करके देखिए, चिंता करने की आवश्यकता ही न होगी !
किसी के अंदर इतना भी मत झांको कि अपनी नाक को कपड़े से ढकना पड़े.
चिंता का दिन एक हफ्ते के काम से ज्यादा थका देने वाला होता है.
जीवन एक बार का ऑफर है, इसे अच्छी तरह से उपयोग करें..!!
चिंता करना हमारी आदत बन चुकी है, इसलिए हम दुखी हैं.
ज्ञानी चिंता सहित भी चिंता रहित होता है.
सुख को बांटने वाला दुखी हो ही नहीं सकता..
जीवन में महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अंदर से क्या हैं न कि बाहर से..
ऐसे बहुत से लोग हैं _जो आपके पास है _उसकी कामना करते हैं.
जीवन एक प्रश्न है _ और हम इसे कैसे जीते हैं _ यह हमारा उत्तर..
इंसान ने सब कुछ खोज लिया, _ सिवाय इसके की जीना कैसे है.
जीवन तो सबको मिल जाता है,_ जीना बहुत कम को आता है.
” जैसे तैसे ” गुजरने वाली को उम्र कहते हैं ” जिंदगी नहीं “
चलो बिखरने देते हैं जिंदगी को, सम्भालने की भी एक हद होती है.
जो थोड़े से तृप्त हो जाता है _ उसके लिए इस संसार के सारे कष्ट आसान हो जाते हैं.
ज़िन्दगी के कुछ और पैमाने तय करो.._..बस जी लेना ही तो जिन्दगी नहीं..
ज़िंदगी कह रही थी “आ जी ले ” __ मुझसे इतना सा काम भी न हुआ..
जिंदगी तो प्यार के लिए भी कम है और लोग इसे नफरतों में गवा देते हैं.
जिसे संभाल न पाओ, उसे बिखेरा न‌ करो.
जीवन यात्रा है, इस यात्रा में जीवन जीने का ढंग महत्वपूर्ण है.
जैसे जैसे आप अधिक जागरूक होते जाते हैं _ इच्छाएं गायब होती जाती हैं !
जब हमारी चाहतें कम होती हैं _ तब जीवन जीने का मजा दोगुना हो जाता है..
समय की बर्बादी एक छोटे से जीवन को और भी छोटा कर सकती है..
हम हैं उलझे हुए उनमें क्यूँ बेवजह, जो जरुरी नहीं ज़िंदगी के लिए..
अपनी आवश्यकताएं सीमित रखना सुखी जीवन का मूलमंत्र है.
अशांत तुम इसलिए हो _ क्योंकि _ गैर ज़रूरी के पीछे पड़े हो..
सिर्फ *सुकून* ढूँढिये…._ *जरूरतें* तो कभी खत्म *नही* होंगी.
ज्ञानी कभी कुछ त्यागता नहीं, _ जो व्यर्थ है वह छूट जाता है.
नकली लोगों के नाटक में क्यों फंसें_जब आप अपने जीवन को उन लोगों के साथ साझा कर सकते हैं_जो वास्तव में आपकी परवाह करते हैं.
अपने आप से पूछें कि वास्तव में क्या महत्वपूर्ण है और फिर अपने उत्तर के आसपास _ अपना जीवन बनाने का साहस करें.
जिसे जीने की कलाकारी आ गई,_ वह जीवन के रंग मंच पर कभी असफल नहीं होता.

_ वह जीवन में उतनी हीं जरूरतें जोड़ता है _ ताकि जीवन ना घटे,

_ इस यात्रा पर निकला वह यात्री ज्य़ादा खुश है _ जिसके पास कम सामान है.

“– जीवन में ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अज॔न कि बजाय अधिक जिया जाए.–“

रुई का गद्दा बेचकर मैंने दरी ख़रीद ली,_

_ ख़्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने और ख़ुशी ख़रीद ली.

एक खुशहाल जीवन के लिए थोड़े की जरुरत होती है _ यह सब आपके अंदर है _ आपके सोचने के तरीके में.

“-एक बार जब आप एक निश्चित उम्र तक पहुँच जाते हैं, तो आप बहुत सी चीज़ों से स्थायी रूप से अप्रभावित हो जाते हैं.”

अमीर वह नहीं जिसके पास बहुत है; _ अमीर वह है जिसकी आवश्यकताएं बहुत कम हैं !
योजना बना कर चलना अच्छी बात है, मगर _ योजनाओं के नाम पर चिन्तायें पालना ठीक नहीं.
आपके पास जो भी है, उसमें खुश रहें _ ज्यादा की कामना कर के दुःख को आमंत्रित ना करें.
अगर आप मेहनत से काम करेंगे तो.. _ तब आपको लगेगा की ” यह जीवन बहुत खूबसूरत है “
तब ये बिलकुल भी नहीं पता था ” क्या चाहिए ” _ मगर ये पता था ” क्या नहीं चाहिए “
बुद्धिमान वह है _ जो जीवन में आवश्यक और अनावश्यक चीजों के बीच अंतर कर सके.
– ख़ुद को ख़ुश रखने के तरीके ढूँढें,__ क्यूँकि तकलीफें तो आपको ढूँढ ही रही हैं.

” – जो खुद में खुश रहता है _ उसके लिए सभी परिस्थितियाँ अच्छी होती हैं..”

इबादत एक मुकाम तक ले जाती है, _ आगे दीवानगी रास्ता दिखाती है..
कई जरिये हैं कुछ कहने के, उनमें से एक जरिया है ” कुछ न कहना “
मैं भी हूँ सौदागर कैसा, __ ख़ुशियों का सौदा गम से कर रहा हूं…
उन चीजों को हासिल करें _ जो आपके लिए मायने रखती हैं.
ख्वाब, ख्वाहिश और लोग _ जितने कम हों _ उतना अच्छा..
जो बातें मैं कभी नहीं कहता, _ वे मुझे कभी परेशानी में नहीं डालतीं..!
न कोई उम्मीद…न कोई चाह.., _ बस चलता रहता हूँ…अपनी राह…!
हर कोई _ इस बात से अनजान है की _ वो खुद कितना कीमती है !!!
ज़िन्दगी चलने मेँ _ सुख और दुख _ दोनों पैरों की जरुरत है !!
शांति की इच्छा हो तो…_ पहले इच्छा को शांत करो..
उम्मीदें डरती है मुझसे, _ मैं वास्तविकता का हाथ थामें रहता हूँ..!!!
अपने शौक को कभी भी खत्म न होने दें, बल्कि उनको एक आकार दें .!!
बहुत कुछ होता है जिंदगी में _ जिसके लिए कभी भी समझौता _ मत करना..
जरुरी है कि बिना प्रयास किए, असफलता स्वीकार न की जाए.
जब आप दूसरों पर निर्भर होते हैं, _ तो आप अपना जीवन स्वयं नहीं जी सकते.
अपनी ज़िंदगी को सजाने संवारने की जिम्मेदारी _ आपकी खुद की है.
अगर आप ख़यालों में कैद हो, तो आप की हर आजादी बेकार है..!!
जब जीवन आपको समय देता है, आराम करें और इसका आनंद लें.
” दुनिया में सबसे बड़ी संपत्ति आपकी मानसिकता है “
मुझे वह लोग पसंद हैं जो अपनी मौज में रहते हैं,

साज़िशें नहीं करते, नफ़रतें नहीं फैलाते, ” मगर कम होते हैं ऐसे लोग !!! “

ज़िंदगी से बडा़ कोई मज़हब नहीं होता,_ और अपने जिस्म से सगा कोई दूजा नहीं होता,

तो सबसे पहले ज़िंदगी की परवाह होनी चाहिये,”

जीवन कठिन तब लगता है, जब हम स्वयं को बदलने की बजाय दूसरों को बदलने का प्रयास करते हैं.
अपने विकास का हर दिन हिसाब रखना सबसे अच्छा होता है, क्या आप दिन प्रति दिन पहले से अच्छा,

_ ज्यादा खुश, और ज्यादा समझदार होते जा रहे हैं.

कुछ लोग अपने बारे में खुद फैसला लेने से डरते हैं, उन्हें लगता है कि कुछ गड़बड़ हुआ, तो जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी. इससे अच्छा है दूसरे के कहे अनुसार चलो, असफल होने पर कह सकते हैं कि मैंने अपनी मर्जी से कुछ नहीं किया.

अपनी जीवन की गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर किसी और को नहीं बैठने देना चाहिए. किसी और को बैठाने वाले जिम्मेदारियों से भागते हैं.

उन चीजों पर ध्यान देना जो लोगों ने कहा है कि आपको ” करना चाहिए ” आपकी खुशी को मार देगा ;

_ हर कोई अलग है, और आपकी खुशी का भी कोई रास्ता होगा.

वाकई हम सब इस तरह से पले बढ़े हैं कि अपनी खुशी की चाबी भी दूसरों को दे देते हैं, ;

अपनी किसी भावना का कोई एहसास ही नहीं रहता है, _ किसी एक खुशी को बताने के लिए सामने वाले पर इतने निर्भर हो जाते हैं कि उसके मूड के आगे अपनी खुशी गम उधार पर दे देते हैं.

जब हम खुद में खुशी ढूंढ लेते हैं तो दूसरे पर बोझ नहीं उसके साथी होते हैं, __ एक दूसरे की खुशी साझा करने बढ़ाने के लिए साथ होते हैं “

जिंदगी को अपने स्वाभाविक लय में जीने का अलग ही सुख है. यह दिमाग को शांत रखता है, जिससे जिंदगी का सुख जुड़ा हुआ है. अगर आपने अब तक केवल दूसरों की बुराइयां गिनने में समय गुजारा है, तो अब स्वयं में बदलाव लायें. यह कठिन नहीं है, बस केवल आत्मानुशासन की जरुरत है.

एक लंबे अंतराल के बाद पता चलता है कि हमने जिंदगी उस काम में गुजार दी, जिसमें खुद अपना ही अहित हुआ, तो आनेवाले समय में इस बात का ख्याल रहे कि अच्छे और नेक काम में समय बीते. यही जिंदगी का फलसफा है.

जीवन का मजा जीवंत रहने में है, इसलिए अपने स्वभाव के अनुसार जीवंत बने रहिए.

ये जो ((( नकल ))) से भरा हुआ जीवन है, जो दूसरे जैसा होने की चाहत है !

ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है, यही है गुलामी,

यही है जो हमें हमारे वास्तविकता से दूर रखता है, और यही है जो हम पर बोझ है,

यही है जो हमें आजाद और सुंदर नहीं होने देता,

तुम कमाल हो, बस समाज ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,,

_ फिर तुम कमाल हो _ तुम्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।

” मैं भग्यशाली हूँ ” क्यूंकि मुझे अपने अनुसार जीवन जीने का अवसर मिला ..

सोसाइटी की नजर में तोपचंद बनने से अपना दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं,

वो अमीरी मुझे महा गरीबी लगती है _ जिसमे गुलामी होती है मजबूरी होती है..

चाहे दुनिया का सबसे बड़ा काम करो _ मगर आजादी नहीं तो _ सब व्यर्थ..

जीवन से मृत्यु तक का सफर मगर _ ” उसके पहले जी लो जिंदादिली से “

सोसाइटी का ताना बाना ही ऐसा है..Ignore करना ही बेहतर है.. क्योंकि सोसाइटी बाज़ आयेगी नहीं _बस आप प्रभावित होना बंद करेंगे _तभी आज़ादी का अनुभव करेंगे.. कुछ लोगों को किस्मत ही कहेंगे कि आज़ाद जीवन जी पाते हैं..

_मगर बहुत सारा प्रतिशत ऐसा भी है _ ख़ुद की आजादी के लिए इंसान को आजीवन जूझना होता है.. ऐसे में आप सिर्फ़ इग्नोर करें या सक्षम हैं तो वह जगह ही छोड़ दें _बट यहां मुझे नहीं लगता कोई ऐसी जगह बनी होगी _जहां सुकून मिले _सुकून भी अब छीनने वाली चीज़ बन गई है..

नैतिक अनैतिक के बोझ के तले इंसान अपने पसंदीदा शख़्स से दुःख, दर्द, तकलीफ़ नहीं बांट सकता.

_ लोग क्या सोचेंगे, ज़माना क्या कहेगा, रिश्ते सवाल उठाएंगे, अपने मुंह मोड़ लेंगे बस यही सोच सोच कर इंसान एक जिंदा लाश बनकर जीता है.

_इस सोसइटी को हंसते, मुस्कुराते, खुश लोग पसंद नहीं, वो ज़िंदा लाशों को सर माथे पर बैठाता है.

टॉक्सिक लोगों को उंगली करने में मजा आता है.

_लेना देना कुछ नहीं होता _बस आपका कोई दुख जान जाएं तो _कुरेद कुरेद कर जीना हराम कर देते हैं.

_अब सोसाइटी का क्या कहें _ऐसे ही लोग मिलकर सोसाइटी बनाते हैं _जहां किसी की निजता का कोई मूल्य नहीं..

_सोसाइटी के so called मापदंडों पर यदि आप खरे नहीं उतरते _ तो जीना मुश्किल कर देंगे ये लोग..!!

_ जिस दिन सोसइटी को ठीक से जान जाओगे, उस दिन सोसइटी से सम्मान पाने की चाहत और बदनामी का डर दोनों मिट जाएगा, फिर जी उठोगे !!

ज्यादातर मैं लोगों में घुल मिल नहीं पाता…

_ वास्तव में मैं उनके जैसा नहीं बनना चाहता…

_ वे उम्मीद करते हैं कि मैं भी उनके जैसी सोच रखूं…जो कभी सम्भव नहीं है…

_ जो मैं हूँ, जैसा मैं हूँ.. हु-ब-हु वैसा ही रहना चाहता हूँ…

“मुझे लोगों से मिलनसार न होने का दोष नहीं लगता,

_ हालाँकि मुझे कभी-कभी इसका पछतावा हो सकता है..

_ लेकिन जब मैं सोसाइटी या दुनिया में आता हूँ..

_ यह एक नैतिक पतन जैसा लगता है- वेश्यालय में प्यार ढूँढ़ने जैसा..!!”

हम इंसान है सामाजिक प्राणी हमें तो समाज में ही रखना है खुद को, ताकि आज से झूठा बेहतर कल की कोशिश की तलाश में, ताकि अपने आसपास खुद को सर्वश्रेष्ठ महसूस करा सकें और उस झूठी सम्मान की तलाश कर सकें, _जो वास्तविक रूप से आपके व्यक्तित्व से जुड़ी ही नहीं है,

_क्यूंकि हम सब एक चादर ओढ़े मन में कुंठा लिए खुद को बचाने की कोशिश करते रहते हैं और जब सम्मान उस चादर का है तो _जिस दिन चादर हटेगा वो सब अपने साथ ले जाएगा _जो हम सबने उस चादर के भरोसे कमाये हैं.

मैं मेरे जीवन का हर फैसला खुद लेता हुँ _ इस पर किसी का हस्तक्षेप मुझे कतई नहीं पसंद, वो चाहे कोई भी हो_

_ अपना सिम्पल सा फंडा है ” जिओ और जीने दो ” _ छोटी ही सही मगर जिंदगी ” अपने नाम होनी चाहिए “

एक तरफ पुरे परिवार का डिसीजन, दूसरी तरफ मेरा खुद का डिसीजन ;

ना वो मुझे गलत ठहरा रहें ना मैं, खुद को सही बता रहा,

वो अपना काम कर रहे हैं, मैं अपना काम,

हम दोनों ही एक दूसरे का मान रख रहे हैं, बिना एक दूसरे को आरोपित किये

_ बिलकुल खामोशी से..

” यदि आप परिवर्तन की राह पर चलते हो तो, आपके विरोध की शुरुआत सबसे पहले आपके घर परिवार से होगी.”

आज़ाद छोड़ रखा है घर वालों ने क्योंकि,

_ मुझे अपनी हदें और मर्यादा अच्छे से मालूम है !!

अपना कंधा मजबूत करो _ और अपने जीवन के हर निर्णय स्वयं लो ..
मैं अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीता हूं, _ अपव्यय पर समय बर्बाद करने का समय नहीं…

I live my life on my conditions, _ No time to waste on wastage…

अपनी जिंदगी का जो भी फैसला लेना है, _ खुद से लें,

_ क्योंकि आपकी जिंदगी बर्बाद करके _ दूसरों को थोड़ा सा भी फर्क नहीं पड़ेगा !

“– हम लोगों के फैसलों के बारे में बहुत सोचते हैं, हम भूल जाते हैं कि _ ये हमारी जिंदगी है और फैसला लेने का हक भी हमारा है.”

मुझको ना रोकिए, ना नजराने दीजिए..

_ मेरा सफर अलग है, मुझे जाने दीजिए..
_ ज्यादा से ज्यादा होगा ये कि मै हार जाऊंगा..
_ किस्मत तो मुझे अपनी ख़ुद आजमाने दीजिए..!!
अपने निर्णय उन लोगों की सलाह पर न लें _ जिन्हें परिणामों से निपटना नहीं है..
हम सभी अपने विचार लिखने और व्यक्त के लिए आजाद हैं.. लेकिन हमें प्रत्येक व्यक्ति से उसके अनुभव के अनुसार तर्क सुनने और उससे बात करने के लिए भी तैयार रहना होगा..!
” आज़ाद पंछी बनने का मज़ा ही अलग है, अपनी शर्तों पर जीने का ….नशा ही अलग है..!!”

— आजादी कोई बजार की वस्तु नहीं जिसे कुछ भाव में खरीदा जा सके, ये वो चीज है जिसके लिये बहोत बड़ी कीमत अदा करनी पड़ती है, इसके काबिल बनना पड़ता है, और इस बात को केवल आजाद इंसान ही समझ सकता है, मजे की बात की इसे पाने के बाद भी इसके छिन जाने का खतरा नहीं जाता..

“अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीने के लिए एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है ;_

_ कभी- कभी सोचता हूँ खुद को लानत दूँ या प्राउड करूँ समझ में नहीं आता.!!’

“-स्वतंत्र व्यक्ति होने के लिए हमें स्वयं के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेनी होगी, _साथ ही उस ज़िम्मेदारी को अस्वीकार करने की क्षमता भी होनी चाहिए _जो वास्तव में हमारी नहीं है.”

कोई मुझे दुःख नहीं दे सकता, _ यदि मैं न लेना चाहूँ,,

खुद की खुशी को दूसरों की मोहताज मत बनाओ _ खुद फैंसले करो और आगे बढ़ो..

जीवन को अपने ढंग से जीना ही जीवन है, दूसरों के लिए जीना यानी दूसरों के ढंग से जीना..

मैं चीजों को अपने हिसाब से करना अधिक पसन्द करता हूँ..!!

” — मैं साधारण जीवन के बजाय जूनून के साथ जीना पसंद करता हूँ –“

जीवन में कुछ निर्णय अत्यंत ही महत्वपूर्ण होते हैं,

क्योंकि उन पर आगे की राह निर्भर करती है.

मशीन जैसे चले जा रहे हैं, एक अनजानी दौड़ में जनाब, _

_ ये ज़रूरतों की मोहताज, हमारी ज़िंदगी अब कहीं खो गई है ?

भीड़ हमेशा आसान रस्ते पर चलती है, जरुरी नहीं वो सही है ;

अपने रास्ते खुद चुनिए, आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता..

भीड़ इक्क्ठा करने के लिए _ भीड़ की पसंद से जीना आसान है,

अपनी सोच अनुसार जीवन जीना _ सब के बस की नहीं..

मैं जिस रस्ते पर चल रहा हुँ, उसमें चमकदार नुकीले कांटे _ बिखरे हुये हैं_

_ना मैं रुकता ना कांटे चुभना बंद करते हैं..

ध्यान से विचार करें, आप जिस तरह से _ अपना जीवन जीना चाहते हैं _

_ उसे जीने से आपको क्या रोकता है..

हमारा आधा जीवन तो ये सोचने में निकल जाता है कि हमारे पास क्या है ?

_ जबकि जो होता है उसका लाभ भी नहीं ले सकते ..

सूर्य कभी ढलता नही, रोशनी कभी जाती नही,,,

_ हम ही नही देख पाते, वरना पतझड़ के बाद पत्ते आ ही जाते हैं,,,

हम हुँकारा तो खूब भरते हैं.. लेकिन खूँटे से बंधी अपनी नावें नहीं खोल रहे.!!
दुनिया मे आये हैं तो हर वो genuine काम जरूर करके देख लेना चाहिए, जो आपको अन्तर्मन की खुशी देता हो और आजादी का अहसास दिलाता हो, _

_ जिससे जीवन के आख़िरी समय में कोई कसक न बाक़ी रह जाए ..

आजकल जीने लगा हूं जिंदगी, जब से छोड़ा है करनी लोगों की बंदगी ;

हां अब छोड़ दी है परवाह करना लोगों की, और जीने लगा हूं खुद की जिंदगी..

नौकरी के लिए डिग्री की आवश्यकता हो सकती है,

लेकिन जीवन में पास होने के लिए अनुभवों से सीखने के अलावा कोई डिग्री नहीं है.

काश तुम्हें पता हो कि तुम्हें क्या चाहिए … तो बात पूरी हो जाए.

तुम्हारी असफलता और दुख का कारण _ तुम्हारी किस्मत या कम श्रम नहीं, _ तुम्हारी चाहत है..

क्योंकि तुम जानते ही नहीं कि तुम्हें क्या चाहिए, _ और तुम चुनने और जांचने निकल जाते हो.

यही कारण है कि तुम्हारी न केवल रोज़ चाहतें बदलती हैं _ बल्कि तुम अपने मन की करने के बाद भी दुखी लौटते हो.

अपनी वास्तविक चाहत को बिना जाने जीना दुख है _ और उसे जान लेना परम आनंद..

“– यदि आप अपने तुच्छ मामलों में उलझे रहते हो, तो आप अपनी विशालता का एहसास कैसे करोगे ?

मेरा जीवन और मेरी ऊर्जा को तुच्छ मामलो में बेकार क्यो जाने दूँ ?–“

जितने अधिक लोगों से मैं मिला, उतना ही मुझे पता चला कि एक इंसान जो दिखता है वह इसके बिल्कुल विपरीत है ; उनकी मुस्कान झूठ है ; उनकी खुशियाँ और मनोरंजन के खिलौने नकली हैं ; वे जो शब्द बोलते हैं _ वे झूठ हैं और उनका हृदय घोर अन्धकार में पीड़ा से भर गया है _ और मैं उन्हें हताशा में भागते हुए देखता हूं,

_ वे तुरंत उस सारे दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं और अंत में और नीचे डूब जाते हैं ; लगभग हर कोई तत्काल संतुष्टि की तलाश में है.

जीवन आसान और सुंदर हो सकता है ; ” वास्तव में आसान और सुंदर ” अगर हम स्वीकार करते हैं कि हम वास्तव में क्या चाहते हैं और केवल वही लेते हैं जो हम वास्तव में चाहते हैं और कम के लिए समझौता नहीं करते हैं और प्रतीक्षा करते हैं और प्रतीक्षा करते हैं.

जीवन में हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें से अधिकांश में हम जो आसान होता है उसे लेते हैं ; चाहे वह काम हो, जुनून हो, रिश्ते हों, लक्ष्य हों या तलाश ; _  कुछ बिंदु पर, हम उस मानक की तलाश करना बंद कर देते हैं जो हमें लगता है कि हमारे पास है ;  और अपने आप को नीचा देखने से बुरा क्या है.

मेरे पास हमेशा अपने लिए उच्चतम मानक हैं ; मैं वही चाहता हूं जो मैं चाहता हूं और मैं खुद से वादा करता हूं कि मैं कभी भी कुछ कम नहीं करूंगा.

सुकून से जीने के लिए दुनिया भर के साधन सुविधाओं की जरूरत नहीं _ फिर भी यहाँ

_ हर इंसान मशीन बनने में लगा हुआ है,_ इस भ्र्म में कि _ आज मेहनत करुँगा कल सुकून से जीऊंगा.

हमारी आवश्यकताएं बहुत थोड़ी हैं और जो भी व्यक्ति ठीक से पहचान ले क्या है आवश्यकता, उसे मैं बुद्धिमान कहता हूँ.

सार्थक वही है जो तृप्ति देता हो और तब तुम निश्चित पाओगे कि जिंदगी में चैन की बांसुरी बजने लगी.

अगर लोग आवश्यकताओं से जीएं तो दुनिया में कोई कमी नहीं है.

तुम्हारी प्यास से पानी बहुत ज्यादा है, _ तुम्हारी भूख से भोजन बहुत ज्यादा है, _ तुम्हारे तन को ढंकने से बहुत ज्यादा कपड़े हो सकते हैं, कोई अड़चन नहीं है.

नहीं है ख्वाहिश इस दिल को किसी बड़े आशियाने की,

थकान तो बस _ कुछ लम्हे _ सुकून के चाहती है.

ढूंढ लिया है खुद में ही सुकून…! _ये ख्वाहिशें तो खत्म होने से रही.
खुशियां बहुत सस्ती हैं इस दुनिया में, _ हम ही ढूंढ़ते हैं उसे महंगी दुकानों में..
बीत जाती हैं जिंदगी ये ढूंढ़ने में, कि ढूंढ़ना क्या है ;

जब कि मालूम नहीं ये भी, कि जो मिला है, उस का करना क्या है..

जाने कितना ही वक़्त खोजते हुए खर्च कर दिया,

” पर जो ढूँढ़ लिया ” उसे संभालने का समय नही मिला.

बहुत सारी हसरतें मत पालिये, _

_ जो मिला है, उसे संभालिये…

यह मायने नहीं रखता कि आपके पास कितने साधन हैं,

जब तक कि आपको उनका उपयोग करना ही नहीं आता..

इच्छाओं की सड़क तो बहुत दूर तक जाती है,

बेहतर यही है कि हम ” जरूरतों की गली में मुड़ जाएं ” !!

एक सीमा से अधिक साधनों को इकट्ठा करना और overplan करना भी

कभी कभी हमारी जिंदगी दूभर कर देता है.

जितना कम सामान रहेगा, उतना सफ़र आसान रहेगा.

जितनी भारी गठरी होगी, उतना तू हैरान रहेगा..

जिसकी जरुरत नहीं है उसको खरीदो मत,

नहीं तो जिसकी जरुरत है उसे बेचना पड़ेगा..

दूसरों की जिंदगी में इंटरेस्ट दिखाना बंद कर दें, ये आदत आपको उलझन में डाल सकती है ;

इसलिए अपने काम से काम रखें..

एक दिन शिकायत हमें वक़्त से नहीं बल्कि खुद से होगी,

कि एक खूबसूरत जिंदगी सामने थी और हम दुनियादारी में उलझे रहे..

अपने कामो में रत रहना और मौन रहना बहुत सारे विवादों से बचाता है !!!
इतना भी कोई दुःख नहीं है तुम्हारे जीवन में, तुम केवल सोच सोच कर उसे बड़ा बना रहे हो ;

जो होना था हो गया, अब उठो और आगे बढ़ो..

एक दिन आप पीछे मुड़कर देखेंगे, और महसूस करेंगे कि,, आप उन चीजों के बारे में

बहुत ज्यादा चिंतित थे, जो वास्तव में मायने रखती ही नहीं थीं,,!!

अच्छा – बुरा ! जो भी किया !! सब मजाक था !!!

कुछ इसी तरह हमने जीवन को आसां रखा !!!!

इतना समझ आ जाय कि जीवन के लिए क्या जरुरी है और क्या गैरजरूरी _तो समझ लो तुम्हे जीवन जीना आ गया..

भौतिक संपत्ति कभी भी हमारे दिल की गहरी लालसाओं और जुनून को संतुष्ट नहीं कर सकती ; _इसीलिए, चाहे हम कितना भी जमा कर लें, हम हमेशा और अधिक की इच्छा करते हैं.

जिन चीज़ों की हमें ज़रूरत नहीं है उन्हें खरीदने की तुलना में और भी अधिक मूल्यवान चीज़ें हैं, _जिन्हें हम अपने पैसे से पूरा कर सकते हैं.

अक्सर औकात यह महसूस किया है मैंने,

उम्र- भर जी के भी जीना नहीं आया मुझको..

मानसिक शांति का आनंद प्राप्त करने के लिए _ मन को व्यर्थ बातों में उलझने मत दो !!!
जीवन के स्वर को केवल वे ही सुन सकते हैं _ जो बड़ी गहरी फुर्सत में हैं..
थोड़ा कम ही सही मगर जो भी हो, अपनी मेहनत का हो.
ख्वाइशों के बोझ में तू क्या क्या कर रहा है ?

_ इतना तो जीना नही जितना तू मर रहा है !!!

” अपनी आंतरिक आवाज सुनें “

याद रहे कमाना ठीक है मगर आप कमाने वाली मशीन नहीं हैं.

आप के पास क्या है ये मायने नहीं रखता, बल्कि आपके पास जो भी है _

_ आप उससे कितने सन्तुष्ट हैं, ये बहुत मायने रखता है..!!

मेरा दिल ये सोच कर रो दिया कि _ ऐसा क्या पाना था मुझे..

जो मैंने खुद को ही खो दिया…

जीवन का सच जानने के बाद आप की हिम्मत ही नहीं पड़ेगी भेड़चाल चलने की,

फिर भले ही अकेले चलने में आप को हजारों मुसीबतो का सामना क्यू न करना पड़े,

” आपको रास्ता सुखद ही लगेगा “

कुछ भी करने से पहले यदि हम उसके कारण को जान लें, उसके अर्थ को समझ लें,

तो हम अनर्थ होने से बचा सकते हैं.

“जिस दिन से समझा है मैंने ख़ुद को, दुनिया को समझ में नहीं आता हूँ ;

कुछ इस तरह सबका होकर भी उनसे दूर हुआ जाता हूँ !”

तुम दुनिया को समझने लगो और दुनिया को तुम समझ में आना बंद हो जाओ ;

_ तो जान लेना कि _ ज़िन्दगी सही दिशा में जा रही है..!

जीवन मे खुश रहना चाहते हो न साहब,

तो सब से पहले उन्हें भूल जाना, जो आपको भूल गए,

“भूल नही पा रहे ” यह बहाना मत बताना,

खुद के लिए भी जी सकते हो, यह खुद को साबित कर के दिखाना..

चीजों के बेहतर होने का इंतजार न करें, जीवन हमेशा जटिल रहेगा.

वर्तमान में खुश रहना सीखो, नहीं तो तुम्हारा समय समाप्त हो जाएगा.

खिलने की आदत फितरत में होनी चाहिए, फिर देखो कमाल..

मौसम – माहौल – वक़्त _ कैसा भी ,,,_ किसी की क्या मजाल…

चाहो तो खुशबू ले लो…💐

हम तो महके ही हैं …गुलशन से..

मिज़ाज़ अपना कुछ ऐसा बना लिया हमने,

किसी ने कुछ भी कहा बस मुस्करा दिया हमने.

ख़ुदा ने जो बख्शा है वही हुस्न बहुत है,

फूल अपने बदन पर जेवर नहीं रखते जनाब..

जब कोई आपका साथ ना दे, तो समझ जाना ;

आप कुछ सबसे अलग कर रहे हैं..

हर ख़बर से बे-ख़बर हूँ आजकल, उड़ रही है ये ख़बर मेरे ख़िलाफ़.

मैं भी मैं हूँ ! कौन सा मर जाऊँगा ? होने दो सब हैं अगर मेरे ख़िलाफ़.

” दिल बहुत कीमती है ” कोशिश करें की इसमें वो ही रहें,

जो इसमें रहने के क़ाबिल हों, दिखावा करने वाले नहीं !

माना कि गिराने वाले लाख हैं, पर बचाने वाला भी इसी जहां में है.
जुदा होना ही मंजूर किया हमने ___गलती थी नही, तो मानी भी नही.!
आपका बुरा वक्त ही तय करेगा किस से वास्ता रखना है और किस से नहीं….!!
उन्हें खोने से हम डरते रहे, जो कभी हमारे थे ही नही.
मैं अपने लिए जीता हुँ और ये बात सब को हजम नहीं हो पाती.
मुझे हद में रहना पसंद है…और लोग उसे ग़रूर समझते हैं..!!
मुकाम वो हासिल करो, जब चाहो माहौल बदल सको !!
समस्या है तो हल है,_ हल है तो क्या मुश्किल है !
जीवन मेरा सरल था, न जाने कितनों को चुभ गया.
जो हो ! जैसे हो, उसमें ही मगन हो जाओ….!
जिसे चाहो _ _ उससे कुछ मत चाहो..
मैं दूसरों की दृष्टि में क्या हूं, यह महत्वपूर्ण नहीं है ;

महत्वपूर्ण यह है कि मैं अपनी स्वयं कि दृष्टि में क्या हूं !

” किसी हीरे से कम नहीं मेरे जीवन की दास्तां

हसीन है कितना मगर गिना पत्थर में जाता है ”

मेरे ज़ख्मों को हरा ही रहने दो,

ये वो सबक़ है जो ज़िंदगी ने दिये थे..

सोचने दे ज़माने को जो सोचता है,

अगर तेरा दिल सच्चा है तो नाज़ कर खुद पर..

जज़्बा रखो सच और झूठ को परखने का,

कानों में ज़हर घोलना तो जमाने का काम है.

शौक ही नहीं रहा कि, अब खुद को साबित करूं..

अब तो आप जो समझो वही हूं मैं…

दूसरों की शर्तों पर सुल्तान बनने से कई गुना ज्यादा बेहतर है, _

_ अपनी ही मौज का फ़क़ीर बने रहना..

” फकीरी ” ला देती है…. हुनर, ” चुप ” रहने का,,

” रशुख “और अमीरी जरा सी भी हो तो, ” शोर ” बहुत करती है…??

“अपनी मौज़ की सबसे बड़ी वजह रही,

हम अपने को बादशाह जानते रहे, और दुनिया फ़क़ीर, “

हम फकीरों से दोस्ती कर लो.. _ गुर सिखा देंगे शहंशाही के..
सलामत रहे गुरुर उनका, _ हम तो यू भी फकीर ठहरे ..
मिला किसी को है क्या सोचिये अमीरी से,

दिलों के शाह तो अक्सर गरीब होते हैं !

ख्वाहिशें बादशाहों को गुलाम बना लेती हैं,

पर सब्र गुलाम को बादशाह बना देता है…!!!

किसी की हैसियत से हमें क्या ताल्लुक,

खुद की दुनिया के बादशाह हैं हम..

हम तो फकीर थे जो जमाने से मांग रहे थे,

तूने अपनी रहमत से हमें बादशाह बना दिया.

जिसकी ख़ातिर दुनिया की हज़ार ठोकरें सहीं,

आँख बंद करी तो पाया मुझे उसकी ज़रूरत नहीं.

मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस ;

ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं ..!!

बे-फिक्रीयों में भी जीना सीखिए जनाब,

ये फिक्र अक्सर जिंदगी का मजा छिन लेती है..!!

ज़िंदगी समुद्र की तरह है, ये कभी शांत नहीं होगी, _

_ आप को इसमें तैरना सीखना होगा ..!!

हर किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता…!!

जो मैं नहीं हूँ वो दिखाने का तरीका मुझे नहीं आता..!!

रिश्तों का ठप्पा पाने के लिए मत कूदो _ जरा खुद से पूछो तो सही

क्या बैलेंस बना पाओगे जिनसे जुड़ने जा रहे हो ?

ना दुखी था वो अपने हालातों से इतना,

जितना ये सोचकर था की ” दुनिया क्या कहेगी “

जीवन को समझने के लिए, हमें अपने ढंग से जीना होगा,

चार लोग या जीवन दोनों में से, किसी एक को चुनना होगा.

जिंदगी जीने के लिए मिली है,

इसे “लोग क्या कहेंगे” यह सोचने में बर्बाद मत कीजिए..

हम लोगों के फैसलों के बारे में बहुत सोचते हैं, हम भूल जाते हैं कि

ये हमारी जिंदगी है और फैसला लेने का हक भी हमारा है.”

हम लोगों को हिम्मत करनी चाहिए कि दुनिया क्या कहेगी इसकी चिंता न करें, और अपने पंख फैलाकर उड़ने की कोशिश करें…

हो सकता है कि शायद हम एक नए तरीके की दुनिया बना पाएं.

लोग क्या कहेंगे, पहले दिन हसेंगे, दूसरे दिन मजाक उड़ाएंगे और तीसरे दिन भूल जायेंगे,,,

इसलिए लोगों की परवाह मत करो ……करो वो जो उचित हो, जो तुम चाहते हो, जिसमें तुम खुश हो….

याद रखना….. जिंदगी तुम्हारी है, लोगों की नहीं….

बाहरी जीवन को ठीक करने में इतना समय लग जाता है कि मनुष्य को अपना आंतरिक जीवन को ठीक करने का मौका ही नहीं मिलता..

_ अगर उसे मौका मिलता भी है तो रुचि की कमी के कारण वह भीतर को ठीक नहीं कर पाता है,
_ बल्कि अपना कीमती समय केवल सतही मनोरंजन में ही बर्बाद कर देता है..!!
ये गलत कहा किसी ने, कि मेरा पता नहीं…!!

मुझे ढूंढ़ने की हद तक कोई ढूंढ़ता ही नहीं…!!

हम क्या हैं वो सिर्फ हम ही जानते हैं !

लोग तो सिर्फ हमारे बारे में ” अंदाज़ा ” लगा सकते हैं,,,,

हर कोई रखता है खबर मेरे खामियों की ;

_अजब फितरत है, कोई आईना नही रखता !!

पास रहने पर कदर नहीं, दूरियों से शिकायत है,,

_ बदला है जो मूड मेरा, अपनों की मेहरबानी के कारण..!!

सारी चमक हमारे पसीने की है जनाब,

विरासत में हमें कोई तोहफा नहीं मिला..

तसल्ली से पढ़े होते तो समझ में आते हम,

ज़रूर कुछ पन्ने बिना पढ़े ही पलट दिए होंगे.

झरने जैसी ही तो है मेरी ज़िंदगी __मौज में बहती, थोड़े से शोर के साथ..

लोगो को अपने पास बुलाती__ और किसी को डरा कर दूर करती.

अपना ढंग बदलो ! अपने आसपास जीवन को सुंदर बनाओ !

सभी को यह महसूस होने दो कि तुम्हारे साथ होना एक उपहार है.

दुनिया के झमेले को जो समझ गया कि ‘झमेला’ है..

_हर मौसम में उसके आसपास खुशियों का मेला है..!!

अपने इस जीवन में हम भले ही बड़े- बड़े काम न कर सकें, _

_ किन्तु छोटे- छोटे कार्यों को बड़े प्यार से तो कर सकते हैं..

जीवन को इतना शानदार बनाओ, की आपको याद करके_

_किसी निराश व्यक्ति की आंखों में भी चमक आ जाए ,,!!

अपनी ऊर्जा को एक रचनात्मक उद्देश्य के लिए समर्पित करने के बजाय _

_ एक विनाशकारी उद्देश्य के लिए बर्बाद करना बुद्धिमानी नहीं है.

“दिखावे का जीवन जीना बहुत कष्टदायक होता है ; क्यूंकि इंसान की

वास्तविकता कुछ और होती है, और वो दुनिया को कुछ और दिखाना चाहता है.”

ये जो((( नकल )))से भरा हुआ जीवन है, जो दूसरे जैसा होने की चाहत है !यही नर्क को जन्म देता है,

ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है, यही है गुलामी,

यही है जो हमें हमारी वास्तविकता से दूर रखता है,और यही है जो हमारी आत्मा पर बोझ है,

यही है जो तुम्हे आजाद और सुंदर नहीं होने देता,

_ तुम कमाल हो, बस समाज ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,

_, फिर तुम कमाल हो तुम्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।

“ न हारेंगें हम हौंसला, इस बात की तसल्ली रखिये, _

_ जो यूँ ही मिट जाना होता, तो कब के मिट गए होते “

तू दिन- रात कोशिशें करता है, किनारा ढूँढने की.

हम तो समुद्र में डुबकियाँ लगा कर ही, जीने का मजा लेते हैं.

समझदार व्यक्ति भीतरी विकास कर आनन्द मे रहता है,

मूर्ख व्यक्ति बाहरी दुनिया को दोष दे दुख मे रहता है..

यूँही, वो आसमान से इश्क नहीं लड़ाते हैं,

कभी खुल के … चाँद को छू के देख !

खुश रह अपनी दुनिया में _ तू खुद एक तूफान है..

माना दुनिया में अनेक बुराइयाँ है _ यूँ अपने आंसू के मोतियों को बर्बाद ना कर..

मुझे कभी भी ये गलत फहमी नहीं हुई कि अगर कोई मुझे छोड कर गया तो, वो पछताएगा…

मैने अभी तक यही सीखा है कि लोगों को, लोग मिल जाया करते हैं…

जिदंगी रुकती नहीं किसी के लिए भी, चलती रहती है…

किसी दूसरे के भाव अब मुझे प्रभावित नहीं करते,, अब मैंने संयम रखना सिख लिया है.

चाहे कोई नज़रअंदाज़ करे या मुझसे दूर हो जाए, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता.

” मेरी जीवन की वरियता अब मेहनत है..”

” जीवन एक नदी की तरह है “

यदि आप एक वांछित लक्ष्य की ओर पैडल नहीं मार रहे हैं, तो समाज आपको उस दिशा में धकेल देगा जिसकी आपने योजना नहीं बनाई थी और आपको शायद मंजिल पसंद नहीं आएगी.

एक आदमी या तो अपनी दृष्टि का निर्माण कर रहा है, या किसी और का निर्माण कर रहा है ;अपना भविष्य सुरक्षित करो.

Life is like a river.

If you’re not paddling toward a desired goal, then soceity will push you in a direction you didn’t plan for.And you probably won’t like the destination.

A man is either building is own vision, or building someone else’s.Secure your future,

किसी को भी अपने ऊपर अधिकार करने का मौका न दें ; _ लोगों को आपको शीर्ष पर पहुंचाने के सपनों और आकांक्षाओं से अपने आपको मूर्ख मत बनने दें. _

_ हेरफेर आपके दिमाग से शुरू होता है फिर यह उन चीजों की ओर बढ़ता है जो आपको नियंत्रित करने के लिए आपके सिर पर लटकी होंगी.

Don’t let anyone get the chance to wield power over you. Don’t let people fool you with dreams and aspirations of them getting you to the top.

Manipulation starts with your mind then It moves to things that will be dangled over your head to control you.

जो इंसान अपनी मर्जी से, अपने ढंग से, अपने जीवन को जीता है ; उसके जीवन में नजदीकियों जैसा कोई दूसरा रिश्ता नहीं होता और वो जैसे जीता है, उसी में राजी हो कर जीना सीख जाता है,

_ क्योंकि उसे कहीं ना कहीं मालूम होता है कि अपने ढंग से जी कर ही वो अपने वजूद को पा सकता है ; अगर वो किसी दूसरे के ढंग से जीना शुरू करेगा तो दूसरा उसका वजूद उससे पहले छीन लेगा..

मत सोचो कि कोई आपकी सफलता से खुश हैं, _

_ वे उन लाभों पर प्रसन्न होंगे _ जो आप से प्राप्त हुए हैं.

खुद को दर्द देना भी किसी गुनाह से कम तो नही, _

_ यह ज़िन्दगी इतनी भी कठिन तो नही….

थोड़ा डूबूंगा मगर, मैं फिर तैर आऊंगा, __ ” ए जिंदगी तू देख, मैं फिर जीत जाऊंगा “
“खुद को खुद में ढूँढने की कोशिश… _

_ लिखना बस बहाना है… इसी ख्वाहिश को पूरा करने का…!”

लोग रोये बिछड़ने वालों पर और हम खुद को ढूंढ कर रोये..
मैंने सब कुछ देखने के लिए _ अपनी आंखेँ बंद कर लीं..
आप अच्छे दिखना चाहते हैं या अच्छा महसूस करना चाहते हैं ?

_ आप अपने अंदर कितना शानदार महसूस करते हैं, यही सबसे महत्वपूर्ण है.

खुशी सिर्फ दूसरों को दिखाने के लिए नहीं, _

_ बल्कि अपनी तसल्ली के लिए होनी चाहिए.

” इंसान का इंसान के अलावा कुछ भी और होना, _

_ उसके इंसान होने में सब से बड़ी गिरावट है,”

तारीफें, मोहब्बत, दर्द सब जी के देख लिया, _

_ अब वो सुकून चाहिये _ जिसमे कोई ना हो !

ये जो बेचैनी है तेरी, कुछ नहीं, इक हड़बड़ी है, _

_ देख, _ शायद सोचने में ही तेरे, कुछ गड़बड़ी है.

साजिशों के हम भी शिकार हो गए, _ जितना दिल साफ रखा उतने ही गुनाहगार हो गए…
खुश होना है तो बेवजह हो जाइए जनाब.. _ वजहें आजकल महँगी हो गई हैं..!!
खुद को खुद ही खुश रखिये.. _ ये जिम्मेदारी किसी और को न दिजिए..
अपने आप में खुश रहो, _ फिर तुम्हे कोई दुख नहीं दे पाएगा !!
ज़िन्दगी में जिसे लोगों की पहचान करनी आ गयी…

उसकी जिंदगी में तकलीफें बहोत कम हो जाती हैं.

उन्हें कामयाबी में सुकून नज़र आया वो दोड़ते गए,

हमें सुकून में कामयाबी दिखी तो हम ठेहर गए.

पुलक हो तो ही जीवन जीने में आता है,

_ वर्ना तो ऊब में क्या ख़ाक जीया जाता है ?

हर बार रफ्तार सही नही होती,

कई बार धीरे चलने पर भी मंजिल मिल जाती है.

राजा की तरह जीने के लिए,

पहले गुलाम की तरह मेहनत करनी पड़ती है.

“मैं बिखर कर हर बार टूट जाता हूँ,

जितना भी टूटूं, फिर खुद ही ऊठ जाता हूँ !

ये कैसा जूनून है मुझमे, गिरकर सँभलने का,

खुद को मात देकर, खुद से ही जीत जाता हूँ”.

अगर वास्तविकता का एक दाना भी कमा लिया जाए तो वह इतना कीमती होगा कि

दुनिया की सारी दौलत उसके सामने व्यर्थ हो जाएगी..

ख़्वाबों के पीछे जिंदगी उलझा ली इतनी,

कि हकीकत में रहने का सलीका ही भूल गए हम.

सब – सा दिखना छोड़कर, खुद – सा दिखना सीख.

संभव है सब हों ग़लत, बस तू ही हो ठीक..

खुलती है.._ पढ़ी जाती है, _ रद्दी हो जाती है …

ऐ जिंदगी.._ तू भी कुछ – कुछ किताब सी है.

सीख ले ए यार _ अपने आप से यारी का फ़न..

वरना तेरा ज़िंदगी से फ़ासला हो जाएगा…

तू बेशक हीरा है _ लेकिन सामने वाला _ तेरी कीमत _

अपनी औकात, अपनी जानकारी और अपनी हैसियत से लगाएगा..

आपके जीवन में कुछ ऐसे नियम जरूर होने चाहिए,

जिनसे आप किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे.

आज हमारे पास वो सब है, जो पैसे से खरीद सकते हैं.

लेकिन वो चीज खो दी है, जो पैसे से नहीं खरीदी जा सकती..

” हमेशा सही का चुनाव करो, संपदा आए ना आए,

लेकिन सुकून जरूर आता है, और सुकून सबसे कीमती है,”

–” अगर लगन सच्ची है तो बस वो करो जिस से मन को सुकून मिलता है.–“

अपनी मंजिल का रास्ता _ दूसरों से पूछोगे तो _ भटक जाओगे, क्योंकि _

_ आपके मंजिल की अहमियत _ जितनी आप जानते हो _ उतनी और कोई नहीं जानता..

यार सफ़लता के पीछे भागने पर दिन, महीने, साल कब बीत जाते हैं पता नहीं चलता…

_ इसीलिए लम्हों के साथ चलो…ज़िन्दगी भी जी लोगे और सफ़ल भी हो जाओगे…!!!

यदि मंजिल की है खबर तो रास्ते की फिकर न कर.

यदि रास्ते में है मजा तो मंजिल की फिकर न कर, ” दोनों हालत में जीत तुम्हारी है “

जिन्दगी की यात्रा, खाक से खाक तक..

या इसके अतिरिक्त भी कुछ कमाना है _ _ प्रयास और केवल, प्रयास.

अच्छा लगता है मुझे उन लोगों से बात करना.!

जो मेरे कुछ भी नहीं लगते, पर फिर भी मेरे बहुत कुछ हैं..!!

अपना जीवन सही निर्णय और गलत निर्णय चुनने में मत लगाइए !

जब आप संतुलित, स्पष्ट और खुश हों तो तब कोई निर्णय लीजिए… और

ईमानदारी से अपना जीवन उसमें लगा दीजिये ; कुछ न कुछ शानदार होगा ..!!

ऐसी कोई चीज / व्यक्ति जीवन में न हो, जिसके न मिलने पर मन विचलित हो !

जैसे ही लगे की कोई चीज / व्यक्ति आदत बन रहा है, खुद को उससे दूर कर दो !!

औरों की नकल उतारना आसान है..

..पर उनकी तरह निजता का सम्मान करना,

_अपने काम से काम रखना ..हम नहीं सीख पाये..!!

कर्म भूमि पर फल के लिए श्रम सब को करना पड़ता है,_

_ रब सिर्फ लकीरें देता है _ रंग हमको भरना पड़ता है..

यदि कोई ऐसा सोचता है कि पैसे से सुख को खरीद सकते हैं तो वह ख़रीदी हुई खुशी सच्ची नहीं है, _

धन को बहुत महत्व दिया जाता है और सरल चीजें _ जो हमें सच्ची खुशी देती हैं हम अक्सर उनकी अनदेखी कर देते हैं,_

खुशी देने वाली चीजों में से एक प्रेम है, _ इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है _ लेकिन आपकी जिंदगी खुशी से भर सकती है.

किसी इंसान की आर्थिक स्थिति भले ही कितनी भी अच्छी हो लेकिन

_ जीवन का सही आनंद उठाने के लिए मानसिक स्थिति का बेहतर होना बहुत जरूरी है..!!!

आप कम प्रतिक्रिया करके बहुत सी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.

You can solve a lot of problems by reacting less.

बहोत कुछ है जिसे बदलना अति अति अति आवश्यक है,

धीमी गति से ही सही मगर खुशी की बात है काम जारी है..

कई बार यह जानकर भी कि हमारा नजरिया गलत है, _

_ हम उसे सुधारने की कोशिश नहीं करते..

“–दुनिया में किन्हीं भी दो लोगों को कभी एक- सा आसमान नहीं दिखता, _

_ हम सब को अपना- अपना आसमान दिखता है..–“

आप अपनी जिंदगी से भले खुश ना हों,

पर कुछ लोग ऐसे भी हैं _ जो आप जैसी जिंदगी जीने के लिए तरसते हैं..

सुख यदि बिना दुख के आए तो सुख की महत्ता नहीं रह जाती ;

_ प्रयास करें कि दोनों का सामंजस्य ऐसा बने की समानता बनी रहे ;

_ ” सुख और दुख का पलड़ा स्थिर रहे “

आप जो भी करते हैं, लोग आपकी आलोचना करने का तरीका ढूंढ ही लेते हैं:

एक ब्रेक लें – वे आपको आलसी कहते हैं.

कड़ी मेहनत करो – वे आपको जुनूनी कहते हैं.

जो उनके पास नहीं है उसे पा लो – वे तुम्हें स्वार्थी कहते हैं.

इसे समझो और जो चाहो करो.

Whatever you do, people find a way to criticize you :Take a break – they call you lazy.Work hard – they call you obsessed.Get what they don’t have – they call you selfish.Realize this and do whatever you want.

अगर आपको कुछ पसंद नहीं है, तो उसे बदल दें ; यदि आप इसे नहीं बदल सकते हैं, तो इसके बारे में अपने सोचने के तरीके को बदल दें.

If you don’t like something, change it. If you can’t change it, change the way you think about it.

यदि आप किसी भी चीज़ के लिए समझौता कर लेते हैं, तो आप कभी नहीं जान पाएंगे कि आप वास्तव में किसके योग्य हैं.

If you settle for just anything, you’ll never know what you’re truly worthy of.

जीवन में, आपको वही मिलता है जो आप डालते हैं,; सब कुछ वापस आ जाता है.

In life, you get what you put in. Everything comes back around.

कभी हमने जो खूबसूरत ख़्वाब देखे थे, उसे हकीकत में हम तभी बदल सकते हैं, जब उस के लिए कोशिश करें,

_ न कि जिंदगी से जो मिल जाए, उसी में संतुष्ट हो जाएं, _

हमें अपनी खुशियों को खोजने की जरुरत है कि वो कहाँ और कैसे मिल सकती है..

“–सच्ची ख़ुशी तो वह करने में है, जिसे दिल करना चाहता है, _

_सच्ची ख़ुशी उन सपनों को पूर्ण करने में है जिसे दुनिया पागलपन कहती है.–“

शांत बहना अच्छा है, बजाये तैरने के ;

अच्छा हो मनुष्य भोजन, कपड़े, और घर से ही राजी हो जाये !

मन की इच्छाओं का कोई अन्त नहीं है !

उनका त्याग तत्काल शांति लाता है ;

और शांति का जीवन ही वास्तव में जीवन है.

हम इस धरती पर पैसे कमाने और चीज़ें ख़रीदने नहीं आए हैं ; इसमें और भी कुछ होना चाहिए ; आइए जानें कि वह क्या है ?

जीवन हमें पैसा बनाने और संपत्ति जमा करने के लिए नहीं बल्कि छोटी चीजों में अर्थ खोजने के लिए दिया गया है.

अपने आप से एक प्रश्न पूछें, क्या आप अपने जीने के तरीके से प्यार कर रहे हैं ? यदि नहीं, तो इसके बारे में कुछ करने का समय आ गया है ; आपको और मुझे दोनों को कुछ छोड़ने और जीने की जरूरत है.

मैंने सीखा है कि कम संपत्ति वाले लोग अधिक खुश और अधिक संतुष्ट रहते हैं ; _ वे दयालु हैं और अजनबियों की मदद करने से नहीं डरते.

मैंने सीखा है कि जीवन आसान है, हम इसे कठिन बनाते हैं.

“पैसे के लिए हमें जो कीमत चुकानी पड़ती है, _वह कभी-कभी स्वतंत्रता होती है.”

हमें पैसे का सम्मान करना और उसका सदुपयोग करना सीखना होगा,

__तभी हम वास्तविक संपन्नता को उपलब्ध हो सकते हैं,
_जिसमें आध्यात्म के वास्तविक फूल खिलते हैं..!!
_ पैसा ठीक है, लेकिन उसे ही उद्देश्य मत बनाइए, बस बाइप्रोड्क्ट की तरह आने दीजिए,;
_ पैसे की जरूरत है लेकिन पैसा सब कुछ नहीं है, उस से भी बड़ी चीज कुछ होती है._ आनंद और मौज के लिए काम कीजिए,
_ और फिर देखिए कितनी खुशियाँ बिना मोल चली आती हैं, उनसे भला क्यों चूकना ?
“बेवजह खरीदारी ने जीवन पर खराब प्रभाव _”कर्ज और तनाव” उत्पन्न किए हैं.!!
_लोग चीजों को ठीक नहीं करना चाहते हैं, बस नई खरीदना चाहते हैं.!”
_ “मैंने सीख लिया है कि किराने का सामान या आवश्यक वस्तुओं के अलावा दुकानों पर नहीं जाना चाहिए ;
_इसीलिए मैं कर्ज मुक्त हूं.!!”
_ काम को खेल बना लीजिए, उसे स्पोर्ट्स की तरह खेलिए और उसका मजा लीजिए, __ यह प्रयोग हर काम के लिए किया जा सकता है,
__ हर काम एक चुनौती है ; उसे आनंदमय ध्यान बनाया जा सकता है.
 
— इस दुनिया में कम पैसों पर सरल जीवन कैसे जियें ?
_ 1. जीवन में अरमान कम रखिए..
_ 2. दूसरों से अपनी तुलना मत कीजिए विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में..
_ 3. सीमित किन्तु जीवित संबंध रखिए..
_ 4. पैसे का बेहतर प्रबंधन कीजिए..
_ 5. फालतू की चीजें कम खरीदिए..
_ 6. आवश्यकता हो तभी कोई वस्तु खरीदें..
_ 7. कृत्रिम के बजाए प्राकृतिक जीवन अधिक से अधिक बिताने का प्रयास कीजिए..

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