सुविचार – अतीत, विगत, भूत, गत, बीता हुआ समय, पहले का, Past – 110

13352362203_762a5854ff

भविष्य के प्रति चिंता न केवल हमें वर्तमान को वैसा देखने से रोकती है जैसा वह है, बल्कि अक्सर हमें अतीत को पुनर्व्यवस्थित करने के लिए प्रेरित करती है.

A preoccupation with the future not only prevents us from seeing the present as it is but often prompts us to rearrange the past. – Eric Hoffer

सबसे बड़ा साहसी कार्य जो हम सभी को करना चाहिए, वह है अपने इतिहास और अतीत से बाहर निकलने का साहस रखना ताकि हम अपने सपनों को जी सकें.

The great courageous act that we must all do, is to have the courage to step out of our history and past so that we can live our dreams. – Oprah Winfrey

जिसके वर्तमान जीवन के खेत में अतीत की फसल लहलहा रही है ;

_ उसमें सत्य का अज्ञात पौधा उगने से रहा..!!

जब तक हम स्वयं को वर्तमान में रहने के लिए शिक्षित नहीं करते,

_ अतीत की छवियां वर्तमान में हस्तक्षेप करेंगी, जिससे भ्रम पैदा होगा.!!

हमें वही बातें,वही चीज़ें, वही वक़्त, वही जगहें ज़्यादा अच्छी लगती हैं जो कभी अतीत में थीं..

_ अतीत हमें सुविधा देता है कि हम उसे चाहे जैसे प्रस्तुत कर सकते हैं, वर्तमान से बहुत कम लोग संतुष्ट होते हैं, बहुत कम लोगों का वर्तमान उनके मुताबिक़ होता है और भविष्य वह तो सदा अनिश्चित ही रहा है सो अपने दुख, अपने सुख को खोजने के लिए हमें अतीत की शरण में जाना ही पड़ता है..
_ जवानों को अपना बचपन ज़्यादा-ज़्यादा याद आता है तो बूढ़ों को जवानी..हालाँकि जब वह अपने उस दौर में थे तो अक्सर उससे पीछा छुड़ाने की सोचते..ऐसे ही दूर परदेस बसे लोगों को अपनी माटी की याद सताती है तो देश में रह रहे लोगों को पिछले गुज़रे बरस..
_ हमें अतीत हो चुके या होने की कगार पर पहुँचे रीति रिवाज, भोज्यपदार्थ, परम्पराएं अधिक लुभाती हैं हालांकि जब वह लोगों की सामान्य दिनचर्या में शामिल थीं तो लोगों ने प्रयास करके उन्हें बदल दिया..
बड़े शहरों में ग्रामीण थीम पर बड़े बड़े रेस्त्रां खुल रहे जहां लालटेनें होंगी, सूप होगा, चक्की होगी, कुंए होंगे, होंगी माटी की दीवारें..जब यह सहज,सुलभ थीं, आम जनजीवन का हिस्सा थीं हम इनसे उकताकर शहर भागे..शहर में अतीत की याद भुनाने के लिए ऐसे रेस्त्रां खोले..
_हम जिस शहर में रहते हैं, जिस जगह जीते हैं उस वक़्त उससे रूठे रूठे रहते हैं..बाद के बरसों में जब वह जगह छूट जाती है तब वह हमारे सपनों पर कब्ज़ा जमा लेती है..
_हम अपने उन क़रीबी रिश्तों को अधिक याद करते हैं, उनके लिए अधिक रोते हैं, उनकी अधिक बातें करते हैं जो अब नहीं हैं..और इस तरह हम बड़ी चालाकी से उनके साथ होने का लाभ उठाते हैं हालांकि जब हम उनके साथ थे उकताए से रहे..
_हमारा वर्तमान क्या इतना विपन्न होता है कि उसपर हम दस मिनट भी बात नहीं कर सकते और अतीत इतना सम्पन्न कि हमारी बातें ख़त्म ही न हों..
_जाने क्यों सारी वीरतायें, सारी सम्पन्नताएँ, सारी सुंदर सुधियां, सारी निर्मल छवियां हमने जादूगर रूपी अतीत के थैले से ही निकलते देखा, वर्तमान तो सबका रूखा-फ़ीका और उदास मजदूर सा ही दीखता है..
उम्र दराज़ लोग तो पुराने दिनों को सुनहरे दिन मानते ही हैं, पचास साठ वाले भी अक्सर एक लम्बी आह भरकर कहते मिलेंगे-“क्या ही अच्छा ज़माना था”

_ मतलब यह कि हर पीढ़ी के लोग यही मानते हैं कि ‘पुराना ज़माना अच्छा था.’
_ इन लोगों की बात यदि हम सच मान लें तो गिरते गिरते दुनिया अब तक रसातल में पहुँच गई होती.
_ पर आँख घुमा कर देखो, आपको ऐसा नहीं लगता कि हम अपने पूर्वजों से बेहतर जीवन जी रहे हैं ?
समय के साथ हमारा नज़रिया और जीवन मूल्य बदल जाते हैं.
_ अतीत कितना भी खूबसूरत रहा हो, हमने जिन भी लोगों के साथ जिया हो, वह सारा संयोजन हमें फिर से मिल जाए..
_ तो भी हम उसे उसी पुराने रूप में एन्जॉय नहीं कर सकते..
_ क्योंकि हम एक अलग तरह ग्रो कर चुके होते हैं.
_ हम भले ही अतीत की पुरानी यादों में खो जाएं..
_ पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अतीत कि यादों के गलियारों में घूमना तो अच्छा लग सकता है..
_ पर यदि कोई हमें जादू से सचमुच वहां पहुंचा ही दे.. तो हमारा उस काल में जीना सरल नहीं होगा..
— क्योंकि लोगों की फितरत ही होती है कि पुरानी चीजों को पकड़े रहते हैं.
_ सामने जो होता है, उनसे संतुष्टि ही नहीं हो पाते हैं.
_ अपने जमाने में हम ये करते थे, हम वो करते थे..
_ ऐसा कह कह कर वर्तमान से शिकायत करना ही..
_ उनकी जिंदगी का हिस्सा बन जाता है.
_ ये सबसे बड़ी सच्चाई है कि अतीत और वर्तमान की कोई तुलना ही नहीं हो सकती है.
_ जो 10साल पहले हम जीते थे, वो चीज़ हमें आज नहीं मिल सकती.
_ लेकिन कहते हैं ना कि वक़्त कभी एक सा नहीं रहता !!
यदि आप अतीत में जीते हैं और अतीत को यह परिभाषित करने देते हैं कि आप कौन हैं, तो आप कभी विकसित नहीं होंगे.
अतीत में हमारे साथ बहुत सी अच्छी और बुरी चीजें गुजरी होती हैँ, और हम उन खट्टे मीठे अनुभवों से सीखते भी हैँ,

_ अगर हम उन गलतियों को न दुहराते हुए आगे बढ़ रहे हैँ तो सही रास्ते पर हैँ !!

अतीत की कुछ घटना भविष्य का भी सब कुछ बर्बाद कर देती है,

_ मन अतीत की स्मृतियों में ही कहीं उलझा रह जाता है,
_ रात होते ही एक गहरी उदासी छाने लगती है और फिर विचारों की रेखा पर मिटते कल्पना के चित्र मडराते हैँ,
_ और मैं एक कोना पकड़कर इन विचारों को शब्द देने लग जाता हूँ…!
सबसे अच्छी और सुकून भरी जिंदगी उन लोगो की होती है,

_ जो अतीत को याद नही रखते और न ही भविष्य के प्रति इतने ज्यादा संवेदनशील होते है,
_वो जो जीते हैं सिर्फ वर्तमान को, वो लोग ही दुनिया के सबसे धनी इंसान है…!
जीवनपथ पर आगे बढ़ते जब कभी पलटता हूँ तो दिखते हैं सुदूर पीछे छूटे अनगिनत दृश्य..

_ जीवन कितनी दूर ले आया ! कितना कुछ रह गया, कितना कुछ फिसल गया !
_ क्या-क्या भूलूँ और क्या-क्या याद करूँ !
_ तथापि कुछ घटनाऐं ऐसी होतीं हैं ..जो हम आजीवन नहीं भूल पाते.
_ जब-जब दृष्टि डालिये, हृदय के कोमल कोनों में गरिमा के साथ मुस्कुराती हुई पाते हैं..!!
— अतीत की स्मृतियां बड़ी ही मधुर होती हैं, चाहे वह सुख में बीती हुई स्मृति हो या दुःख में, वे अपनी मिठास बनाए रखती हैं..
_ फिर जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है व्यक्ति उतना ही अतीत के दायरे में चक्कर लगाना शुरू कर देता है..
_ और याद करता कि कैसे औरों के फेर में उसकी खुद की इच्छाएं अधूरी रह गई थी…!
मायूसी के साथ अपने अतीत के बारे में सोच कर वक्त बर्बाद मत करो..
_ बल्कि आशा के साथ अपने आज को जियो..!!
अतीत यात्रा करने के लिए एक अच्छी जगह है लेकिन निश्चित रूप से रहने के लिए एक अच्छी जगह नहीं है.
यदि आप हर समय अतीत के बारे में सोचते हैं तो आपका कल बेहतर नहीं हो सकता.
जब रब आपको एक नई शुरुआत देता है तो अतीत की पुरानी गलतियों को मत दोहराओ..!!
अतीत की स्मृतियों से वर्तमान के चित्र उकेरेंगे तो भविष्य का रंग खराब ही होगा..!!
काश…हम अतीत में पीछे जा सकते.. कुछ बदलने नहीं…

_ कुछ चीज़ों को दोबारा महसूस करने..!!

उस अतीत से बाहर निकलें जो आपको रोक रहा है.

_ उस नई कहानी में कदम रखें ..जिसे आप बनाना चाहते हैं.

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected