सुविचार – अपेछा- आशा – उम्मीद – 115

जब आप किसी से अपेछा नहीं रखेंगे, तो फिर आपको किसी से शिकायत भी नहीं रहेगी..

_ जो लोग शिकायत शून्य हैं, वे ही तो सहनशील हैं..!!

लोग आप से अच्छा बनने की उम्मीद तो करते हैं ;

_ ख़ुद अच्छा बनने से परहेज़ है उन्हें..!!

आशा, चाहे कितनी ही कम क्यों न हो, निराशा से बेहतर है..!!
यदि जीवन में इंसान की आवश्यकता सीमित हो और किसी अन्य से कोई उम्मीद और अपेछा न करे तो बेहद _ खुश जीवन आराम से जीया जा सकता है..!!

–उसे कोई कैसे दुखी कर सकता है, जिसकी किसी से कोई उम्मीद ही ना हो !!

उन सब चीजों को ना कहना ठीक है, जिनके साथ आप सहज नहीं हैं.

उन लोगों के शोर को ब्लॉक करना ठीक है, जो आपका भला नहीं करते हैं.

कभी कभी नकारात्मकता से खुद को अलग करना ठीक है.

अन्य लोगों की उम्मीदों के साथ बहुत अधिक फंस न जाएं..

आप स्वयं निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं..!!

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