लोग अपनी जरुरत के हिसाब से कम और दूसरों की देखा- देखी ज्यादा सामान खरीद लेते हैं.
इस प्रवृत्ति के लोग यह ध्यान नहीं देते कि जो सामान वो खरीद रहे हैं. वह उनके काम लायक है भी या नहीं.
सामान अपनी जरुरत के हिसाब से खरीदें, दूसरों को देख कर नहीं. इससे फिजूलखर्ची नहीं होगी.
हम अक्सर ऐसी चीजें खरीद लेते हैं जिनकी हमें जरूरत नहीं होती और उन चीजों के पीछे भागते हैं जिनसे संतुष्टि नहीं मिलती.
_ ऐसा इसलिए है क्योंकि हम अपनी धारणाओं को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं कि _बाकी सभी का जीवन कितना अच्छा चल रहा होगा.