सुविचार – 1428

जीवन में भले ही विश्राम न हो, किन्तु आनन्द अवश्य होना चाहिए.
आने वाले कल के लिए हमें अपना आज का आनन्द नहीं खोना चाहिए,
_क्या पता कल आए या न आए और आए भी तो उसी रूप में न आए, जिस रूप में हम सोच बैठे हैं.

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