सुविचार 1958

कितना ही समय बीत जाए जब तक हम किये कर्म का फल नहीं भोग लेते वो कर्म क्षीण नहीं होता, शुभ अशुभ जैसे भी हम कर्म करते हैं उनका फल भोगना ही पड़ता है ! अतः कर्म करते समय उसके फल की चाह ध्यान में नहीं रखे किन्तु उसके परिणाम को कभी न भूले !!!

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